✦ ऑनलाइन प्रेरणात्मक कार्यक्रम ‘हाउज़ द जोश’ में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव एवं अन्य शिक्षा पदाधिकारियों ने छात्रों को दिए टिप्स
✦ छात्रों में आत्मविश्वास को बढ़ाने, परीक्षा से संबंधित तनाव को कम करने और प्रभावी परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों का मार्गदर्शन
✦ हमारा प्रयास होना चाहिए कि बोर्ड की परीक्षा में कोई भी छात्र अनुतीर्ण ना रहे, कमजोर बच्चो पर विशेष ध्यान दे – सचिव
✦ परीक्षा की तैयारी करवाने में लापरवाही बरतने वाले शिक्षक, उच्च स्तरीय अधिकारी के विरुद्ध होगी कार्रवाई – सचिव
✦ छात्र लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध रहे, छात्र की सफलता ही शिक्षक की सफलता है – डीएसई, रांची
✦ छात्रों को पदाधिकारियों ने दी परीक्षा की शुभकामनाएं, राज्य के सभी सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस में हुआ वेबिनार का प्रसारण
बोर्ड परीक्षाओ के मद्देनजर छात्रों को प्रभावी परीक्षा की तैयारी में सहयोग करने, उनमे आत्मविश्वास बढ़ाने और परीक्षा के तनाव को दूर करने के लिए आज राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के द्वारा सुबह 10 बजे से 11:30 तक ऑनलाइन प्रेरणात्मक वेबिनार “How’s the Josh!! Unlock Your Potential: Excel in Boards and Beyond” का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव श्री उमाशंकर सिंह, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के प्रशासी पदाधिकारी श्री सचिदानंद दि. तिग्गा, रांची के जिला शिक्षा अधीक्षक श्री बादल राज, SDEO श्री अभिषेक झा, शैक्षणिक सलाहकार श्री मनोहर लाल, विद्यालय प्रबंधक डॉ. अशोक कुमार, श्री शुभेंदु मजूमदार, श्री महेंद्र प्रताप सिंह के साथ सभी सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस के प्राचार्य/प्रभारी प्राचार्य, शिक्षक और छात्र शामिल हुए।
वेबिनार को संबोधित करते हुए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव श्री उमाशंकर सिंह ने छात्रों को महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने अभिभावकों और शिक्षकों से कहा कि परीक्षा देने जा रहे बच्चो पर अनावश्यक दबाव ना बनाये। शिक्षक बच्चो को वर्गीकृत कर उन्हें तैयारी में सहयोग करे। कमजोर बच्चो पर विशेष ध्यान दे। सचिव श्री उमाशंकर सिंह ने कहा कि परीक्षा की तैयारियों में जो भी शिक्षक, उच्च स्तरीय अधिकारी लापरवाही बरतेंगे उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। लापरवाही किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यह पहला वर्ष होगा जब सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस के बच्चे सीबीएससी की बोर्ड परीक्षा देंगे, ऐसे में प्रथम, द्वितीय या तृत्य स्थान मायने नहीं रखता है, सफलता मायने रखती है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि बोर्ड परीक्षा में बैठने वाला कोई भी छात्र अनुतीर्ण ना रहे। हमारा सर्वोच्च प्रयास यही होना चाहिए कि हम बच्चो को ऐसी तैयारी कराये जिससे वे अनुतीर्ण ना हो। उन्होंने आज के वेबिनार की तरह एक और वेबिनार करने का सुझाव दिया, ताकि छात्रों को मोटिवेशन और विशेषज्ञों का मार्गदर्शन मिल सके।
वेबिनार को संबोधित करते हुए रांची के जिला शिक्षा अधीक्षक श्री बादल राज ने कहा कि महानता की कीमत ही जिम्मेदारी है। छात्र यह समझे कि बोर्ड परीक्षाएं उनके भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। उनका भविष्य इन परीक्षा परिणामो पर निर्भर करता है। श्री बादल राज ने कहा कि अपने लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध रहे। उन्होंने छात्रों से कहा कि शिक्षकों को आपसे काफी उम्मीदे है। छात्र की सफलता ही शिक्षक की सफलता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 में भारत विकसित राष्ट्र तभी बनेगा जब हम सब अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगे। उन्होंने ‘Productive Citizenship’ पर जोर दिया। श्री बादल राज ने कहा कि कठिन कुछ नहीं है, निरंतर अभ्यास से ही सहजता आती है। कड़ी मेहनत अक्सर सफलता की कुंजी होती है। आप कितने भी प्रतिभाशाली क्यों ना हो, अगर स्थिरता और कठिन परिश्रम नहीं है, तो प्रतिभा व्यर्थ हो जाती है। उन्होंने परीक्षा को उत्सव के रूप में लेने की सलाह दी। श्री बादल राज ने कहा कि पेपर कैसा भी गया हो, हमें निराश नहीं होना चाहिए और अगले पेपर कि तैयारी में जुट जाना चाहिए।
वेबिनार को संबोधित करते हुए SDEO श्री अभिषेक झा ने कहा कि छात्रों ने परीक्षा के लिए जो पढ़ा है, उसपर ध्यान दे और उसे रिवाइज करते रहे। मन में कोई तनाव ना ले। उन्होंने कहा कि परीक्षा की तैयारी के दौरान सोशल मीडिया से दूर रहे और पढ़ाई से समय निकालकर प्रेरणात्मक मूवीज देखे। इससे आप सकारात्मक अनुभव करेंगे। श्री अभिषेक झा ने कहा कि कोई भी लक्ष्य ना मुमकिन नहीं होता है। उन्होंने श्री दुष्यंत कुमार की कविता की पंक्ति “कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं हो सकता, जरा एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो..” के साथ अपने संबोधन का समापन किया।
वेबिनार में अपनी बात रखते हुए शैक्षणिक सलाहकार श्री मनोहर लाल ने कहा कि छात्र परीक्षा केंद्र में जाने से पहले केंद्र की पूरी जानकारी रखे। उसी अनुरूप समय प्रबंधन करे। एग्जाम सेंटर में केवल एडमिट कार्ड, पेन और जरूरी सामग्री लेकर जाए। अनावश्यक सामग्री ले जाने से बचे। परीक्षा से पहले कुछ नया ना पढ़े, जो पढ़ा है उसे रिवाइज करे। अधिक से अधिक लिखने का अभ्यास करे। अंतिम समय की तैयारी से बचें। उत्तर लिखने से पहले उत्तर पुस्तिका को ध्यान से पढ़े। खासकर सेट का नंबर ध्यानपूर्वक भरे। परीक्षा संपन्न होने पर अगले पेपर का रिवीजन तुरंत ना शुरू करे। कुछ समय का ब्रेक ले। अभिभावक बच्चो को मोटरसाइकिल ना दे, एग्जाम देने के लिए जा रहे है तो अभिभावक या तो स्वयं छोड़ने जाएं, या सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करे। जल्दबाजी में दुर्घटना से बचाव के लिए यह आवश्यक है। परीक्षा देने से पहले माता पिता का आशीर्वाद ले।
लक्ष्य निर्धारण और समय प्रबंधन पर मार्दर्शन देते हुए स्कूल मैनेजर श्री शुवेंदु मजूमदार ने कहा कि बोर्ड परीक्षाएं छात्रों की शैक्षणिक यात्रा का महत्वपूर्ण मील का पत्थर हैं। परीक्षा से पूर्व अपना लक्ष्य और समय प्रबंधन निर्धारित करे। छात्र स्मार्ट गोल बनाये। प्रेरणा को ऊंचा रखें। मन में आत्मविश्वास रखे, परीक्षा के दबाव को हावी ना होने दे। अंतिम समय की तैयारी से बचे। टालमटोल से बचे और ध्यान केंद्रित कर अपनी पढ़ाई करे। परीक्षा से पूर्व अधिक से अधिक मोचक टेस्ट करे। इससे लिखने का अभ्यास होगा। स्कूल मैनेजर डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। चुनौतियों को चुनौती देना सीखे। तनाव से बचे। परीक्षा के दौरान आत्मविश्वास बनाये रखे। आत्म विश्वास और लचीलापन से हर चुनौती को पार किया जा सकता है।
*सभी सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस में बच्चो ने देखा प्रसारण*
“How’s the Josh!! Unlock Your Potential: Excel in Boards and Beyond” वेबिनार का प्रसारण राज्य में संचालित सभी सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस के छात्रों ने देखा। छात्रों ने विशेषज्ञों से मिले विचारो को अपने जीवन में अपनाकर परीक्षा की प्रभावी तैयारी में जुट जाने का संकल्प लिया। शिक्षा से संबंधित पदाधिकारियों से संवाद ने छात्रों में आत्मविश्वास और सकारात्मकता भरने का काम किया। यह पहली बार है जब विभागीय सचिव, विभागीय पदाधिकारियों ने छात्रों से परीक्षा से पूर्व सीधा संवाद किया और उनका मार्गदर्शन किया है। पदाधिकारियों ने छात्रों को परीक्षा के लिए शुभकामनाएं दी और उनका उत्साहवर्धन किया।
न्यूज़ डेस्क