मानव के पूर्ण अध्ययन से समस्याओं का निदान संभव: डॉ गंगानाथ झा
विनोबा भावे विश्वविद्यालय के मानव विज्ञान विभाग में गुरुवार को विद्यार्थियों ने विश्व मानवविज्ञान दिवस के अवसर पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस अवसर पर विश्व में मानव कल्याण के लिए मानवविज्ञान के उभरते हुए विभिन्न क्षेत्रों की चर्चा की गई। थर्ड जेंडर के अधिकारों से लेकर परिवार और संबंध पर पड़ने वाले टेक्नोलॉजी के प्रभावों की चर्चा की गई। समाज में परिवार और नातेदारी के बदलते स्वरूप और विभिन्न समस्याओं को कैसे दूर किया जा सकता है इस पर चिंतन किया गया।
इस मौके पर विभाग के शिक्षक डॉ गंगानाथ झा ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी मानवीय समस्याओं के समाधान का उपाय मानव के संपूर्ण अध्ययन से जुड़ा हुआ है जो मानवविज्ञान विषय के अंतर्गत किया जाता है मानवविज्ञान मानव की क्रमिक विकास के अध्ययन के साथ- साथ मानवीय समस्याओं के निदान का उपाय ढूंढता है।
डॉ गंगानाथ झा ने बताया की विश्व मानव विज्ञान दिवस का आयोजन 1902 से अमेरिकन एंथ्रोपॉलजिस्ट संगठन से जुड़ा हुआ है। यह आयोजन विश्व भर के मानव वैज्ञानिकों के द्वारा फरवरी के तीसरे गुरुवार को निर्धारित है। इस अवसर पर मानव वैज्ञानिकों द्वारा किए गए खोज को समाज के साथ साझा किया जाता है। उन्होंने बताया कि मानव विज्ञान आदिकाल से वर्तमान समय तक मानव के क्रमिक विकास का अध्ययन करता है। इसी अध्ययन के आधार पर मानव वैज्ञानिक मानव की समस्याओं के निदान का निरंतर खोज करते रहते है।
इस अवसर पर विभाग की शिक्षिका डॉ जॉनी रुफिना तिर्की ने विद्यार्थियों को मानव विज्ञान और फील्ड वर्क की महत्ता पर प्रकाश डाला।
इस मौके पर शोध छात्रा प्रतिमा कुमारी, लक्ष्मी कुमारी और अच्छी संख्या में विभाग के विद्यार्थी उपस्थित थे।
न्यूज़ – विजय चौधरी