भोपाल, 1 मई 2025 — मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। भोपाल में आयोजित बैठक के दौरान अपना दल (एस) के राष्ट्रीय महासचिव (युवा मंच) डॉ. अखिलेश पटेल ने साफ शब्दों में कहा कि जब तक ओबीसी को उनका संवैधानिक हक नहीं मिल जाता, तब तक पार्टी का संघर्ष जारी रहेगा।
डॉ. पटेल ने प्रदेश सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि “ओबीसी वर्ग के अधिकारों की अनदेखी सामाजिक न्याय की भावना के खिलाफ है। यह केवल चिंता का नहीं, बल्कि गहरे आत्मचिंतन का विषय है कि आज़ादी के 75 वर्षों और एमपी राज्य के गठन के बाद भी ओबीसी को उनका उचित हक क्यों नहीं मिल पाया।”
52% आबादी, फिर भी अधूरा हक
डॉ. पटेल ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि “मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग की आबादी लगभग 52 प्रतिशत है, इसके बावजूद 27 प्रतिशत आरक्षण को पूरी तरह लागू नहीं किया जा सका है।” उन्होंने इसे सत्ता में आई तमाम सरकारों की ऐतिहासिक विफलता बताया।
उन्होंने कहा कि अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल स्वयं इस मुद्दे को केंद्र और राज्य सरकारों के समक्ष मजबूती से रख रही हैं। “हमारी पार्टी केवल बयानबाज़ी में नहीं, बल्कि कार्रवाई के पक्ष में है,” डॉ. पटेल ने जोड़ा।
निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की मांग
बैठक के दौरान डॉ. पटेल ने चौथी श्रेणी की निजी नौकरियों में भी 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की बात कही। उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग के नाम पर इन पदों में आरक्षण नीति की अवहेलना की जा रही है, जिससे ओबीसी समुदाय को अवसरों से वंचित किया जा रहा है।
उन्होंने सरकार से अपील की कि निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू करने हेतु ठोस नीति बनाई जाए, ताकि ओबीसी युवाओं को रोजगार के समान अवसर प्राप्त हो सकें।
संघर्ष का संकल्प
डॉ. पटेल ने अंत में दोहराया कि ओबीसी समाज अब जाग चुका है और अपना हक लेकर रहेगा। उन्होंने कहा, “हम सामाजिक समरसता और संवैधानिक अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे। यह आंदोलन अब थमने वाला नहीं है।”
News – Muskan