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Thursday, September 19, 2024
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पल्स अस्पताल की भुईंहरी जमीन के मामले में कमिश्नर सख्त, सीओ से एक हफ्ते में मांगी रिपोर्ट, किसके आदेश से जमाबंदी हुई कायम


नारायण विश्वकर्मा

रांची: भुईंहरी जमीन पर निर्मित आलीशान पल्स हॉस्पिटल की जिस जमीन पर बुनियाद खड़ी है, अब इसके बारे में ईडी की खोजबीन जारी है. अबतक यह जगजाहिर हो चुका है कि फर्जी कागजात के आधार पर भुईंहरी जमीन पर आईएएस पूजा सिंघल ने अपने प्रभाव से करोड़ों का अस्पताल खड़ा किया है. अब ईडी इसकी छानबीन में लग गई है. इसके कारण पल्स अस्पताल के आसपास की करीब 8-9 एकड़ भुईंहरी जमीन पर निर्मित गगनचुंबी इमारतों के मालिक अब सकते में आ गए हैं. उधर, रांची जिला प्रशासन को पल्स अस्पताल की भुईंहरी जमीन की जांच रिपोर्ट 5 दिन बाद भी उपलब्ध नहीं हो पायी है. वहीं दूसरी ओर दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त के कार्यालय से 11 मई को बड़गाई अंचल कार्यालय को पत्र जारी कर एक सप्ताह के अंदर मोरहाबादी मौजा की भुईंहरी जमीन की अद्यतन रिपोर्ट मांगी गई है.

आयुक्त ने बड़गाई सीओ से एक हफ्ते में मांगा जवाब
आयुक्त के सचिव जुल्फिकार अली के हस्ताक्षर से जारी पत्र (पत्रांक नं-10-14/1288) के हवाले से कुल चार बिंदुओं पर आरटीआई एक्टिविस्ट इंद्रदेव लाल से प्राप्त परिवाद पत्र की छायाप्रति संलग्न करते बड़गाई अंचलाधिकारी से पूछा गया है, जो निम्न है-परिवाद में अंकित कितनी भुईंहरी जमीन की लगान रसीद कब से एवं किसके नाम से निर्गत की जा रही है, विवरणी उपलब्ध करायी जाए.

नामांतरण वाद संख्या 1185R27/2017-18 को दिनांक 22.09.2017 को अस्वीकृत कर दिया गया था, उक्त वाद का अभिलेख उपलब्ध कराया जाए.

किस परिस्थिति में एवं किस अधिकारी के आदेश से अशोक जैन, अनिल कुमार जैन, विजय कुमार जैन, रमेश कुमार जैन एवं वरुण बक्सी के नाम से जमाबंदी कायम हुई एवं लगान रसीद निर्गत हुआ? इससे संबंधित अभिलेख भी उपलब्ध कराए जाएं.

प्रश्नगत भूमि का खतियान एवं पंजी-ii की छायाप्रति भी उपलब्ध करायी जाए. अंत में कहा गया है कि विस्तृत प्रतिवेदन एवं अपेक्षित अभिलेख एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध करा दिया जाए.

इंद्रदेव लाल के आवेदन पर आयुक्त ने की कार्रवाई
बता दें कि आरटीआई एक्टिविस्ट इंद्रदेव लाल ने इस संबंध में 2 फरवरी 2022 को आयुक्त कार्यालय में आवेदन दिया था. इस संबंध में कार्रवाई का आग्रह करते हुए तमाम दस्तावेज उपलब्ध कराए थे. आयुक्त के सचिव ने पत्रांक-680, 16 मार्च 2022 को रांची के उपायुक्त को भुईंहरी जमीन के नामांतरण अस्वीकृत होने के बावजूद कतिपय लोगों के नाम से रसीद निर्गत किये जाने की शिकायत की गई थी. इसकी अद्यतन जानकारी देकर प्रश्नगत मामले में नियमानुसार कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया था. ढाई माह बाद भी डीसी द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने के बाद इंद्रदेव लाल ने फिर आयुक्त से मिलकर कार्रवाई का अनुरोध किया था. इसके बाद आयुक्त के सचिव ने इस बार बड़गाई सीओ को जवाब देने का आदेश दिया है. इसकी प्रतिलिपि रांची के डीसी और अपर समाहर्ता को भी भेजी गई है.


दो साल भी सीएमओ ने सुध नहीं ली
यहां याद दिलाना जरूरी है कि हमने सीएम हेमंत सोरेन को ट्विट कर भुईंहरी जमीन पर निर्मित पल्स अस्पताल के बारे में 13 फरवरी 2020 को इसकी जानकारी दी थी. इसके बाद सीएम ने रिट्विट कर उस वक्त के रांची डीसी रहे महिमापत रे को इसकी जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था. इस बीच दो साल से अधिक समय गुजर गये, पर जांच रिपोर्ट का अभी तक कहीं कोई अता-पता नहीं है. इधर, रांची के अपर समाहर्ता राजेश कुमार बरवार को रांची डीसी छवि रंजन ने उन्हें जांच रिपोर्ट खोजवाने का निर्देश दिया था. अभी 5 दिनों से अपर समाहर्ता कार्यालय में खोजबीन चल रही है पर अभी तक रिपोर्ट हाथ नहीं लगी है. वैसे सूत्र बताते हैं कि जब जांच ही नहीं हुई तो रिपोर्ट कहां से आएगी. दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि तत्कालीन डीसी महिमापत रे ने आईएएस पूजा सिंघल के दबाव में इस जांच रिपोर्ट को दबा दिया था. दरअसल जांच रिपोर्ट की खोज-खबर जब सीएमओ ने नहीं लिया तो, इस रिपोर्ट का हश्र यही होना था.


पल्स हॉस्पिटल के आसपास की अधिकतर जमीन भुईंहरी नेचर की
उल्लेखनीय है कि रांची जिले में भुईंहरी जमीन हड़पने का इतिहास पुराना है। पल्स हॉस्पिटल के आसपास की अधिकतर जमीन भुईंहरी नेचर की है। पल्स हॉस्पिटल के पीछे की जमीन पर राम प्यारी आर्थो हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर, रचित हाईट, हैरिटेज अपार्टमेंट, हेल्थ प्वाइंट, बरियातू नर्सिंग होम, रिलायंस फ्रेश, श्यामा पेट्रोल पंप के अलावा बरियातू रोड पर ही स्थित लॉ विस्टा आदि अपार्टमेंट भी शामिल है, जो भुईंहरी जमीन पर आबाद है। वैसे अभी भुईंहरी जमीन के कई किस्सों पर से पर्दा उठना बाकी है।

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