दिल्ली: नरेन्द्र मोदी के नेतृत्ववाली केंद्र सरकार कहा कि आदिवासी समाज को सशक्त करने के लिए यूपीए द्वारा बनाए कानूनों को कमजोर करने पर आमादा है. कांग्रेस पार्टी फिर से सत्ता में आई तो आदिवासी अधिकार के लिए बने कानूनों मजबूत प्रदान करेगी। आदिवासी देश के पहले मालिक’ हैं और अन्य नागरिकों की तरह उनके समान अधिकार हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में जलगांव-जामोद में आदिवासी महिला वर्कर्स सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर यह आरोप चस्पां किया.
आदिवासी कानूनों को कमजोर नहीं होने देंगे: राहुल गांधी
श्री गांधी आरोप है कि भाजपानीत सरकार पंचायतों को प्रदत्त वन अधिकार कानून, भूमि अधिकार, पंचायत राज कानून और स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए आरक्षण जैसे कानूनों को कमजोर कर रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि मोदी आदिवासियों को ‘वनवासी’ बुलाते हैं। ‘आदिवासी’ और ‘वनवासी’ शब्दों के अलग-अलग अर्थ हैं। उन्होंने कहा कि वनवासी मतलब है कि आप केवल जंगलों में रह सकते हैं, शहरों में नहीं, आप डॉक्टर और इंजीनियर नहीं बन सकते तथा विमान से यात्रा नहीं कर सकते.
आदिवासियों की जमीन उद्योगपति मित्रों को देने की मोदी की चाहत
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री आदिवासियों की जमीन को छीनना और अपने उद्योगपति मित्रों को बांट देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर हमने सरकार बनाई तो हम आदिवासी के लिए बने कानूनों को मजबूत करेंगे और इनकी भलाई के लिए नए कानून बनाएंगे। राहुल ने कहा कि इंदिरा गांधी कहती थीं कि आदिवासी देश के पहले मालिक हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप आदिवासियों की संस्कृति और इतिहास को नहीं समझते हैं, तो आप देश को नहीं समझ पाएंगे।