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Saturday, November 23, 2024
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सरना धर्मकोड पर सकारात्मक फैसला नहीं हुआ तो, 30 जनवरी से चक्का जाम आंदोलन

रांची : आदिवासी सेंगेल अभियान राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा कि आज सरना धर्म कोड की मान्यता को मंजिल तक पहुंचाने के लिए जरूरी है कि सभी छोटे-बड़े सरना धर्मकोड मांगने वाले संगठन और नेताओं के बीच में समन्वय, एकजुटता और जोरदार आंदोलन का आगाज करना होगा। इसी परिपेक्ष्य में आज सरना प्रार्थना सभा के अगुवा संजय कुजूर के साथ सरना भवन, डीबडीह में उनकी टीम के साथ एक बातचीत हुई. बैठक में सहमति बनी कि शनिवार 3 दिसंबर को दिन के 11:00 बजे से एक बैठक का आयोजन सरना भवन, डीबडीह में किया जाए।

आदिवासी सेंगेल अभियान के आंदोलन का समर्थन

बैठक के बाद रांची कचहरी कंपाउंड में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के कार्यालय में अध्यक्ष सत्यनारायण लकड़ा और उनकी टीम तथा केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की और उनकी टीम के साथ इस संदर्भ में बातचीत की गई और उन्होंने भी सहमति जताई। 3 नवंबर की बैठक में मिलकर आगे बढ़ने के लिए सार्थक कोशिश का फैसला हुआ। सत्यनारायण लकड़ा एवं फूलचंद तिर्की ने पटना गांधी मैदान में की गई आदिवासी सेंगेल अभियान के आंदोलन की घोषणा का समर्थन किया। इसके तहत भारत सरकार यदि 20 जनवरी 2023 तक सरना धर्म कोड का सकारात्मक फैसला नहीं करती है तो, 30 जनवरी 2023 को राष्ट्रीय स्तर पर रेलरोड चक्का जाम का आयोजन किया जाएगा। इस बैठक में भुवनेश्वर लोहरा, संजय तिर्की, विनय उरांव, प्रकाश खालको मौजूद थे.

बीमार करमा उरांव का हालचाल जाना

बैठक के बाद बीमार चल रहे डॉ करमा उरांव को देखने पूर्व सांसद सालखन मुर्मू, सुमित्रा मुर्मू, ज्योति मुर्मू और तिलका मुर्मू उनके निवास पहुंचे, जहां पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी औऱ धर्म गुरू बंधन तिग्गा भी उपस्थित रहे। सरना धर्म कोड की मान्यता की रणनीति पर विस्तृत चर्चा की गई। झारखंड की डावांडोल स्थिति के लिए सभी उपस्थित महानुभावों ने गहरी चिंता जतायी. इस बैठक में सुमित्रा मुर्मू, राहुल तिर्की, रोहित तिर्की, राजेश टोप्पो, कृष्णा धर्मेश लकड़ा, सोनू खलखो, पंकज भगत, निशी कच्छप, ज्योति मुर्मू, भीम तिर्की और तिलका मुर्मू भी मौजूद थे।

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