नई दिल्ली: लोकसभा में मंगलवार को राहुल गांधी ने मोदी सरकार के कार्यकलापों कई सवाल दागे. खासकर अडाणी ग्रुप और नरेंद्र मोदी के संबंधों को लेकर तंज किया. उन्होंने कहा कि 2014 में दुनिया के अमीर लोगों की लिस्ट में अडानी 609 नंबर पर थे, पता नहीं क्या जादू हुआ और वह दूसरे नंबर पर आ गए। लोगों ने पूछा कि आखिर यह सफलता कैसे संभव हुई? और इनका प्रधानमंत्री के साथ क्या रिश्ता है? इसपर राहुल ने बताया कि यह रिश्ता काफी साल पहले शुरु हुआ, जब नरेंद्र मोदी गुजरात में सीएम थे। उन्होंने कहा कि अदाणी के लिए एयरपोर्ट के नियमों में बदलाव किए गए, नियमों को बदला गया और नियम किसने बदले यह जरुरी बात है। यह नियम था कि अगर कोई एयरपोर्ट के व्यवसाय में नहीं है तो वे इन एयरपोर्ट को नहीं ले सकता है। इस नियम को भारत सरकार ने अदाणी के लिए बदला। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री, गौतम अडाणी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से लेकर केंद्र की अग्निवीर योजना पर जमकर निशाना साधा।
नियम बदलकर अडाणी को छह एयरपोर्ट दिए गए
उन्होंने कहा किकेंद्र सरकार ने सीबीआई-ईडी पर दबाव डालकर एजेंसी का प्रयोग करते हुए जीवीके से लेकर एयरपोर्ट को अडानी सरकार को दिलवाया गया। नियम बदलकर अडाणी को छह एयरपोर्ट दिए गए। उन्होंने इसके सबूत देने की बात कही। ड्रोन सेक्टर में भी अडाणी का कोई अनुभव नहीं था।
प्रधानमंत्री ऑस्ट्रेलिया जाते हैं और जादू से एसबीआई एक बिलियन डॉलर का लोन अडाणी को देता है। प्रधानमंत्री फिर बांग्लादेश गए और 1500 मेगावाट बिजली का ठेका अडाणी को चला जाता है। एलआईसी का पैसा अडाणी की कंपनी में क्यों डाला गया?
आखिर अडाणी ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए बीजेपी को कितना पैसा दिया?
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पूर्व हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई उसमें लिखा था, अडाणी की भारत के बाहर शेल कंपनी है. सवाल उठता है कि शेल कंपनी किसकी है? हजारों करोड़ रुपये शेल कंपनी भारत में भेज रही है, यह किसका पैसा है? क्या यह काम अडाणी फ्री में कर रहा है? उन्होंने कहा कि अ़डाणी ने भाजपा को 20 साल में कितने पैसे दिए? पहले मोदी अडाणी के जहाज में जाते थे, अब अडाणी मोदी के जहाज में जाते हैं। मोदी और अडाणी एक साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले पीएम मोदी अडाणी के विमान में सफर करते थे। अब अडाणी मोदी जी के विमान में सफर करते हैं। यह मामला पहले गुजरात का था, फिर भारत का हो गया और अब अंतरराष्ट्रीय हो गया है। अडाणी ने पिछले 20 सालों में और इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए बीजेपी को कितना पैसा दिया? इसका जवाब मोदी सरकार को देना चाहिए. जनता मोदी जी से जवाब के इंतजार में है.