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Thursday, September 19, 2024
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गिरिडीह डीसी की सराहनीय पहल पर ब्लड बैंक में पर्याप्त स्टॉक के लिए प्रखण्डों में रक्तदान शिविर लगेंगे

गिरिडीह (कमलनयन) :  ज़िले में रक्त की कमी दूर करने एंव थैलेसीमिया से ग्रसित तकरीबन 150 मरीजों की सांसों की निरंतरता के लिए गिरिरीह जिला प्रशासन की ओर से लगातार सार्थक उपाय किये जा रहे है. इसी क्रम में गिरिडीह ब्लड बैंक द्वारा हर सप्ताह जिले के विभिन्न प्रखंड मुख्यालयों में रक्तदान शिविर का आयोजित करने की योजना शुरु की गई है. इस मामले में गिरिडीह के संवेदनशील उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा की सहमति के बाद इसकी शुरूआत सोमवार 15 मई को डुमरी से की गई है।

डीसी की सहमति के बाद योजना की शुरुआत की गई

इस बाबत सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी सह ब्लड बैंक प्रभारी डॉ.सोहेल अंसारी ने बताया कि जिले में कुछ माह पूर्व खून की कमी की बड़ी समस्या साबित हो रही थी। जिसे लेकर पिछले सप्ताह सिविल सर्जन डॉ.एसपी मिश्रा को पत्र लिखा गया था। डीसी की सहमति के बाद इस योजना का प्रारम्भ किया गया है. डॉ. सोहेल अंसारी ने कहा कि विभिन्न प्रखंडों में आयोजित होनेवाले रक्तदान शिविरों में संबंधित प्रखंड के बीडीओ, सीओ और थाना प्रभारी चिकित्सा प्रभारी को सहयोग करेंगे। साथ ही पंचायत प्रतिनिधियों का भी योगदान रहेगा। उन्होंने बताया कि रक्तदान शिविर सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या अधिकारियों की सुविधा अनुसार किसी स्थल का चयन कर किया जाएगा। अधिकारियों के अलावा संबंधित प्रखंड के पचांयत प्रमुख की अहम भूमिका होगी। पूरे शिविर की मॉनिटरिंग प्रखंड चिकित्सा प्रभारी द्वारा की जाएगी।

गिरिडीह में हर माह 700 यूनिट तक रक्त की खपत: डा. अंसारी

डा. अंसारी ने बताया कि जिले में हर माह 650 से लेकर 700 यूनिट तक रक्त की खपत है। जिले में फिलहाल 153 थैलेसीमिया के मरीज हैं। इसके अलावा पड़ोसी जिले के भी थैलेसीमिया पीड़ित गिरिडीह ब्लड बैंक आते हैं। कहा कि थैलेसीमिया मरीज को कम से कम माह में 1 से लेकर 3 यूनिट रक्त की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा आए दिन गर्भवती महिलाएं एवं हादसे में घायल हुए लोगों को भी खून की जरूरत पड़ती है। थैलेसीमिया व गर्भवती महिलाओं को निशुल्क रक्त उपलब्ध कराया जाता है। हालांकि गर्भवती महिलाओं के मामले में बदले में खून देने का प्रावधान है। पर कई ऐसे मरीज आते हैं जिन्हें निशुल्क रक्त उपलब्ध कराया जाता है।

डीसी ने ब्ललड स्टॉक को लेकर संजीदा प्रयास किया

यहां यह उल्लेखनीय है कि उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा द्वारा पिछले साल पदभार ग्रहण करने के बाद से लगातार गिरिडीह ब्लड बैक में प्रयाप्त मात्रा में लगभग ग्रुपों के खून के स्टॉक को लेकर संजीदा प्रयास किया गया। जब उनके संज्ञान में आया कि उनके जिले में 150 से अधिक थैलेसीमिया के मरीज हैं और ब्लड बैक में आए दिन खून की कमी बनी रहती है तो उपायुक्त ने रुचि लेकर कई बार जिला समाहरणालय में रक्तदान शिविर आयोजित कर खुद रक्तदान किया. अधिकारियों-कर्मचारियों को इस दिशा में आगे आने को लेकर प्रेरित किया। इसके अलावा समाजसेवी संगठनों, स्वयं सेवी संस्थाओं, छात्र संगठगों, धार्मिक संस्थाओं का भी आह्वान कर विभिन्न आयोजनों में ऱक्तदान शिविर लगाने की अपील की. इसके बाद से कई संस्थाएं अपने आयोजनों में रक्तदान शिविर लगा रही है, जिसके फलस्वरूप अब गिरिडीह ब्लड बैंक में रक्त की तंगी की खबर अखबारों की सुर्खियों पर विराम लग गया है। माना जा रहा है कि जिला प्रशासन द्वारा प्रखण्डों में लगने वाले रक्तदान शिविरों के बाद गिरिडीह ब्लड बैंक में खून के स्टॉक में अपेक्षित बढ़ोतरी होगी, जिससे कई इंसानी जिंदगियों को बचाये जाने का ग्राफ बढ़ सकेगा।

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