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Saturday, November 23, 2024
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झारखंड हाईकोर्ट का नया इको फ्रेंडली भवन स्वतंत्र न्यायिक व्यवस्था का प्रतीक बनेगा: बंधु तिर्की

रांची : पूर्व मंत्री व झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि झारखण्ड गठन के बाद 24 मई 2023 का झारखंड के इतिहास में बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है. राजधानी रांची में झारखण्ड उच्च न्यायालय के नये परिसर का उद्घाटन होगा. इससे भारतीय लोकतंत्र और न्याय व्यवस्था की गरिमा बढ़ेगी. वहीं दूसरी ओर जनजातीय बहुल प्रदेश झारखण्ड और जनजातीय समुदाय के गौरव को भी बढ़ाने वाला होगा. श्री तिर्की ने कहा कि सर्वाधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि झारखण्ड उच्च न्यायालय का भव्य-विशाल इको फ्रेंडली भवन ना केवल स्वतंत्र न्यायिक व्यवस्था का प्रतीक बनेगा या फिर यह हमारे संविधान एवं भारतीय लोकतंत्र की गरिमा को बहाल रखने के मामले में प्रेरणादायी बनेगा.

द्रौपदी मुर्मू के हाथों… नया भवन झारखंड के लिए शानदार उपहार

कांग्रेस नेता ने इस बात पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में भारत के सर्वोच्च पद पर पहली बार आसीन जनजातीय समुदाय की कोई महिला द्रौपदी मुर्मू के हाथों झारखण्ड को झारखण्ड उच्च न्यायालय के नये भवन के रूप में एक शानदार उपहार मिल रहा है. श्री तिर्की ने विश्वास व्यक्त किया कि झारखण्ड उच्च न्यायालय के विशाल एवं गरिमामयी भवन की तरह ही झारखण्ड के लोगों को अब अपेक्षाकृत त्वरित गति से न्याय मिल पायेगा और यहां की सामाजिक असमानता, गरीबी और विलंब से न्याय मिलने की पुरानी बीमारी पर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से अंकुश लगेगा.

गरीबों को त्वरित न्याय दिलवाने का प्रयास हो

श्री तिर्की ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, भारत के मुख्य न्यायाधीश, भारत के विधि एवं न्याय मंत्री झारखण्ड के राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं मुख्य न्यायाधीश से भी अनुरोध किया है कि झारखण्ड की आर्थिक दृष्टि से कमजोर लोगों, विशेषकर आदिवासियों, मूलवासियों, दलितों एवं पिछड़े वर्ग के लोगों को कम-से-कम खर्च और परेशानी में त्वरित न्याय दिलवाने के लिए वे सभी अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें. श्री तिर्की ने कहा कि झारखण्ड गठन के बाद पिछले 22 साल में यह बहुत अधिक नकारात्मक पक्ष रहा कि यहां के अधिकांश लोगों को न्याय प्राप्ति के लिये बहुत अधिक जूझना पड़ रहा है और इसके लिये उन्हें बहुत अधिक पैसे और समय खर्च करने पड़ रहे हैं एवं परेशानी भी झेलनी पड़ रही है.

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