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Monday, November 25, 2024
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गिरिडीह के श्री कबीर ज्ञान मंदिर में 5 जुलाई तक चलनेवाले गुरुपर्व में देशभर से आए हजारों भक्त, विभिन्न आध्यात्मिक कार्यक्रमों का होगा आयोजन

गिरिडीह  (कमलनयन): प्राचीनकाल से देशभर में आषाढ़ मास की पूर्णिमा गुरूपर्व के रूप में मनाया जाता है, जो गुरु के प्रति समर्पण एंव कृतज्ञता की पूर्णिमा मानी जाती है। झारखंड के गिरिडीह में स्थित श्री कबीर ज्ञान मंदिर में गुरु पर्व अर्थात गुरु पूर्णिमा महोत्सव श्रद्धा भक्ति और समर्पण भाव से विभिन्न आध्यामिक कार्यक्रमों के साथ बड़े उत्साह से मनाया जाता है. जिसमें देश के विभिन्न प्रदेशों से हजारों की संख्या में भक्त “परम वंदनीय गुरु मां ज्ञान” के सानिध्य में आयोजित होनेवाले दिव्य अनुष्ठान में भाग लेना सौभाग्य मानते हैं. इस वर्ष तीन दिवसीय गुरु महापर्व की शुरुआत तीन जुलाई सोमवार से प्रारम्भ हुई है।

सनातन धर्म को जागृत करनेवाली भव्य शोभायात्रा निकाली गई

भारतीय सनातन संस्कृति में गुरु को ईश्वर से भी ऊंचा स्थान प्राप्त है. धर्मशास्त्रों में गुरु ही अध्यात्म के जरिये मनुष्य के अज्ञान रूपी अंधकार व अंहकार को हटाकर जीवन में ज्ञान का आलौकिक प्रक़ाश प्रदान कर मोक्ष का मार्ग बताते हैं. यही कारण है कि गुरु का स्थान सबसे शीर्ष माना गया है। संत शिरोमणि कबीर दास जी ने गुरु की महत्ता को अपनी दिव्य वाणियों में काफी सरलता से पिरोया है, जिसमें कहा गया है-“गुरु गोविन्द दोऊ खड़े काके लागु पाय, बलिहारी गुरुआप हैं, गोविन्द दियो बताय।” सनातन परम्परा के तहत सोमवार को देश के विभिन्न भागों से आए हजारों भक्तों ने परम वंदनीय सद्गुरु मां ज्ञान के चरणों में श्रद्धा व समर्पण भाव से शीष नवाकर गुरु-शिष्य परम्परा का निर्वह़न किया। दोपहर बाद नगर में सामाजिक कुरीतियों से जुड़ी एवं सनातन धर्म को जागृत करनेवाली झाकियों से ओत-प्रोत भव्य शोभायात्रा निकाली गई।

तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन पांच जुलाई को होगा

शोभा यात्रा में अपने हाथों में ऊँ की पताका लिए शंख ध्वनि के साथ हजारों की संख्या में सभी वर्गों, समुदायों के महिला-पुरूष युवा एंव बड़ी संख्या में बच्चे शामिल थे। तीन जुलाई से शुरु हुए तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन पांच जुलाई को होगा। इस दौरान पहले दिन सोमवार शाम में सद्गुरु मां ज्ञान द्वारा भक्तों की जिज्ञासाओं का समाधान। चार जुलाई को सद्गुरु कबीर साहबकृत बीजक ग्रंथ पाठ, यज्ञ, हवन,  दीक्षा समारोह, कबीरगष्ठी, माँ ज्ञान द्वारा प्रणीत दो नवीन ग्रंथों क्रमशः” जाति का सच” एवं “हमारे श्री राम “का आह्लादकारी विमोचन के अलावा भजन, संस्कृतिक कार्यक्रम एवं सद्गुरु मां ज्ञान एवं अन्य संतजनों के प्रवचन, विद्धतजनों के उद्बोधन,  प्राचीन विषयकों पर आधारित नाट्यमंचन एवं आरती समेत अन्य कार्यक्रम होंगे।

मां ज्ञान अपने दिव्य प्रवचन से हजारों भक्तों को बोध कराएगी

कार्यक्रम का समापन 5 जुलाई को देर शाम सनातन संस्कृति के उद्घोष के साथ होगा। देर शाम कबीर ज्ञान मंदिर में भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की महिमा पर वंदनीय मां ज्ञान अपने दिव्य प्रवचन से हजारों भक्तों को बोध कराएगी। इससे पहले श्रीमदभागवत ज्ञान यज्ञ, गीता ज्ञान गोष्ठी, कबीर गोष्ठी और भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कबीरपंथी श्री कबीर ज्ञान मंदिर देश भर में सनातन धर्म के ध्वज वाहक रूप में प्रतिष्ठित है। देश भर में फैले सनातन धर्म से जुड़े हजारों भक्त सद्गुरु मां ज्ञान के श्री चरणों मे सानिध्य के लिए उत्सुक रहते हैं.

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