राज्य सहकारिता प्रबंधन विधानसभा समिति के सभापति सरयू राय ने विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की
-सरयू ने ED पर उठाए कई सवाल…आखिर पूर्व सीएम रघुवर दास से ईडी पूछताछ करने में कोताही क्यों बरत रहा है?
-2015-2016 से लेकर 2019 में राज्य में सबसे अधिक शराब घोटाला हुआ, इसमें भी रघुवर दास की भूमिका है
-सरयू का एनडीए या इंडिया गठबंधन में जाने से इंकार
गिरिडीह : राज्य सहकारिता प्रबंधन विधानसभा समिति के सभापति विधायक सरयू राय ने बुधवार को विभागीय अधिकरियों के साथ गिरिडीह में समीक्षा बैठक की। तीन घंटे चली लंबी बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान सरयू राय ने कहा कि ईडी की कार्रवाई में अब भेदभाव साफ-साफ दिख रहा है। ईडी ने कोर्ट में जो चार्जशीट दाखिल किया है। उनके अनुसार साहिबगंज में पत्थर घोटाला हेमंत सरकार में कम और रघुवर सरकार के कार्यकाल में अधिक हुआ है। श्री राय ने कहा कि 2015-2016 से ही साहिबगंज में पत्थर का अवैध खनन हो रहा है। ईडी 2019-20 की जांच कर रही है, ऐसा ही कुछ शराब घोटाला में देखा जा रहा है. 2015-2016 से लेकर 2019 में राज्य में सबसे अधिक शराब घोटाला हुआ। इसी मामले में ईडी ने दिल्ली सरकार के दो मंत्री को जेल में डाले हुए है, और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से कोई पूछताछ तक नहीं हो रही है. ऐसे में ईडी की कार्रवाई को भेदभाव कहना सही होगा। उन्होंने कहा कि ईडी को सबसे पहले भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से पूछताछ करनी चाहिए, जो पत्थर घोटाला रघुवर सरकार में हुआ है, उसे हेमंत सरकार में खोजने की क्या जरूरत है?
‘आखिर बन्ना और रघुवर एक-दूसरे के खिलाफ कभी क्यों नहीं बोलते..?’
पत्रकारों से बातचीत के क्रम में सरयू राय ने कहा कि पूरे राज्य में जमशेदपुर ही वो जिला है जहां, हर किसी को इंडिया गठबंधन बनाम एनडीए की जुगलबंदी देखने को मिल जाएगा। क्योंकि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता कभी पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ नहीं बोलते तो, रघुवर दास भी कभी सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ नहीं बोलते, लेकिन कई काम ऐसे हैं, जिसमें दोनों की साझेदारी है।
‘एनडीए व इंडिया गठबंधन दोनों एक ही फार्मूले पर राजनीति कर रहे हैं’
एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन के अलग-अलग होने से इंकार करते हुए सरयू राय ने कहा कि दोनों एक ही फार्मूले पर राजनीति कर रहे हैं। इसलिए वो दोनो में किसी को अलग-अलग नहीं देखते। ऐसे में दोनों गठबंधनों में उनके जाने का सवाल ही नहीं है। एक सवाल के जवाब में श्री राय ने कहा कि राज्य सरकार के उपक्रम जो, गिरिडीह में है उसे बंद करना अच्छा होगा। क्योंकि सरकारी प्रबंधन समिति की बैठक में किसी की कोई दिलचस्पी ही नहीं देखी गई. ऐसे में तो ऐसे संस्थानों को बंद ही कर देना चाहिये. ऐसे अधिकारी राज्य सरकार के राजकोष पर आर्थिक बोझ बढ़ा रहे हैं। बैठक में अपर समाहर्ता विल्सन भेंगरा समेत कई अधिकारी मौजूद थे।