गिरिडीह : आम तौर पर फैक्ट्री कामगारों की मौत होने पर मालिक जिम्मेदारी से भागना शुरू कर देते हैं। यह सरासर गलत है। इसलिए फैक्ट्री में काम करनेवाले किसी भी कर्मी की मौत पर मुआवजा आदि की पूरी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए, ताकि मृतकों के परिजनों को कुछ सहारा मिल सके। उक्त बातें रविवार को भाकपा माले की ओर से गिरिडीह के निर्माण पाइप्स फैक्ट्री में काम करनेवाले नालंदा (बिहार) के 34 वर्षीय अविनाश कुमार की शनिवार की शाम संदिग्ध कारणों से मौत की सूचना पर गिरिडीह सदर अस्पताल पहुंचे, उनके परिजनों से मुलाकात के बाद कही गई।
परिजनों के साथ मुआवजे पर कोई सहमति नहीं बन सकी
मामले की सूचना दिए जाने पर माले नेता राजेश यादव, राजेश सिन्हा, मनोज यादव आदि तुरंत अस्पताल पहुंचे, जहां फैक्ट्री मालिक द्वारा भेजे गए प्रतिनिधि तथा परिजनों के साथ मुआवजे को लेकर कोई सहमति नहीं बन सकी। आखिरकार परिजनों की ओर से पुलिस पदाधिकारी के सामने बयान देकर एक मामला दर्ज करवाने की प्रक्रिया शुरू की गई। माले नेताओं ने कहा कि, जानकारी मिली है कि, मृतक अविनाश कुमार निर्माण पाइप्स फैक्ट्री में पिछले 4- 6 महीनों से मैनेजर के पद पर कार्यरत था। पिछले साल ही उनकी शादी भी हुई थी। कहा कि, उनका संगठन पूरी तरह से कामगारों के हितों के साथ खड़ा है और इस मामले में भी वाजिब न्याय दिलाने की हर संभव कोशिश की जाएगी। मौके पर मृतक के गांव के मुखिया रौशन कुमार सहित श्यामसुंदर प्रसाद, शिवजी प्रसाद, सुनील कुमार, रितेश कुमार, अनिरुद्ध कुमार आदि मौजूद थे।