बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत जिले भर में हुए कार्यक्रम
जिले के विभिन्न प्रखंडों/पंचायतों में जागरूकता रैली में…हम सबने ठाना है, बाल विवाह मिटाना है, के नारे से लगे
गिरिडीह : बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के मौके पर सोमवार को उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने समाहरणालय सभागार में सभी अधिकारियों व कर्मियों को बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शपथ दिलायी. उपायुक्त ने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई और कानूनी अपराध है। इसकी रोकथाम के लिए सभी को आगे आने की आवश्यकता है। साथ ही बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाये। उन्होंने कहा कि बाल विवाह के कारण सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि कई पीढ़ियों का जीवन बर्बाद होता है। उन्होंने कहा कि कम उम्र में लड़के या लड़की की शादी करने से कई प्रकार के सामाजिक और शारीरिक नुकसान देखने को मिलते है, जहां एक ओर उनका बचपन छिन जाता है, वहीं कम उम्र में शादी करनेवाले लड़के और लड़कियां न तो ठीक से शिक्षित होते हैं और न ही परिवार, समाज और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से योग्य होते हैं। इसके लिए समाज के तमाम बुद्धिजीवी वर्ग, शिक्षक, जनप्रतिनिधि सहित सभी लोगों को आगे आने की आवश्यकता है।
बाल विवाह रोकने के लिए कानून का सख्ती से पालन होगा
इधर, बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के मौके पर गिरिडीह जिले के विभिन्न प्रखंडों/पंचायतों में हम सबने ठाना है, बाल विवाह मिटाना है, के नारे से जागरूकता रैली निकाली गई। सभी लोगों ने बाल विवाह को जड़ से खत्म करने के लिए शपथ ली, जिसमें कहा गया कि वे न तो बाल विवाह का समर्थन करेंगे और न ही इसे बर्दाश्त करेंगे। जागरूकता रैली में बड़े पैमाने पर स्थानीय लोगों/बच्चों ने हिस्सा लिया और इसे सफल बनाने में योगदान दिया। इस अभियान के तहत तीन मुख्य लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, जिनमें पहला है कानून का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराना, दूसरा बच्चों और महिलाओं की सहभागिता बढ़ाना, उनका सशक्तीकरण करना और 18 साल तक मुफ्त शिक्षा का प्रावधान करना तथा तीसरा लक्ष्य है यौन शोषण से बच्चों को सुरक्षा प्रदान करना शामिल है.