गिरिडीह (कमलनयन) : जिले की गांडेय विस सीट पर आगामी 20 मई को होनेवाले उप चुनाव में शुक्रवार को एनडीए गठबंधन को झटका देते हुए आजसू के अर्जुन बैठा ने नामांकन कर बगावत कर दी है। गांडेय से आजसू नेता अर्जुन बैठा ने शुक्रवार को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन का पर्चा दाखिल किया। एक सेट में नामांकन का पर्चा दाखिल करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में अर्जुन बैठा ने कहा कि वो आजसू से इस्तीफा दे चुके हैं। इतना ही नहीं उनके साथ पूरे गांडेय ने आजसू से इस्तीफा दे दिया है। बातचीत के क्रम में अर्जुन बैठा ने भाजपा पर खुद की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि आजसू प्रमुख सुदेश महतो के साथ उनकी अंतिम बैठक हुई। जिसमें, आजसू प्रमुख ने 2024 के आनेवाले चुनाव का हवाला देते हुए भरोसा दिलाया था लेकिन भाजपा की लगातार उपेक्षा के कारण वे घुटन महसूस कर रहे थे। कहा कि खुद और गांडेय से आजसू की पूरी टीम ने इस्तीफा देकर चुनाव लडने का एलान किया। बातचीत के क्रम में उन्होंने कहा कि अब जब चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है तो एनडीए और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी को हराकर जीत दर्ज कराना ही उनकी प्राथमिकता में है। इधर, आजसू के गिरिडीह जिला अध्यक्ष गुड्डू यादव ने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है. अर्जुन बैठा ने पार्टी से इस्तीफा क्यों और कब दिया है। लेकिन इस्तीफा देकर वो चुनाव लड़ रहे हैं, तो पार्टी उनके साथ नहीं है। आजसू की ओर से एनडीए के साझा उम्मीदवार दिलीप वर्मा को पूरी पार्टी का समर्थन मिलना है।
क्या कल्पना की जीत की राह आसान हो गई…?
उल्लेखनीय है कि 2019 के पूर्व अर्जुन बैठा जेएमएम छोडकर आजसू के टिकट पर गाण्डेय से चुनाव लडा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा के दिलीप वर्मा को टिकट दिये जाने के बाद से ही वे खफा थे। माना जा रहा है कि अर्जुन बैठा चुनावी मैदान में डटे रहे तो, भाजपा प्रत्याशी दिलीप वर्मा की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। 2019 के विस चुनाव में झामुमो के विजयी डा. सरफराज अहमद को करीब 65 हजार, रनर भाजपा के प्रो. जेपी वर्मा को 56 हजार और आजसू के अर्जुन बैठा को करीब 15 हजार और जेएमएम के गाण्डेय से कई बार विधायक रहे स्व. सालखन सोरेन की पुत्री कर्मिला डूडू को करीब दस हजार वोट मिले थे। बहरहाल, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के गांडेय सीट चुनाव लड़ने से यह विधानसभा क्षेत्र हॉट सीट बन गई है. जानकारी मानते हैं कि एनडीए में फूट का फायदा जेएमएम को मिलेगा. कल्पना सोरेन के लिेए यह सीट प्रतिष्ठा का विषय बना हुआ है. अगर कल्पना यहां से चुनावी जीती तो, झारखंड सरकार पर इसका व्यापक असर पड़ सकता है.