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देेश-विदेश में दिलेरी से झूूठ बोलने में भारत के पहले प्रधानमंत्री साबित हुए मोदी …शाब्दिक जाल बुनने में भी माहिर खिलाड़ी: बंंधु तिर्की

रांची : पूर्व मंत्री एवं झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि कांग्रेस के पाप-पुण्य का हिसाब-किताब करने की बजाय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आदिवासियों और गरीबों की सुध लेनी चाहिये. पिछले 10 साल में आदिवासियों के साथ ही मूलवासियों, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) आदि की स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो गयी है और अब उनके उन्हें भविष्य के ऊपर खतरा मंडराता हुआ साफ-साफ नजर आ रहा है. पलामू एवं सिसई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में आयोजित चुनावी सभा में दिये गये वक्तव्य और कांग्रेस के ऊपर लगाये गये आरोपों की तीखी आलोचना करते हुए श्री तिर्की ने कहा कि सिर्फ झूठ में तथ्यात्मक दृष्टि से थोड़ा सा आंकड़ा मिलाकर और शाब्दिक जाल बुनकर प्रधानमंत्री भले ही लोगों को भ्रमित कर लें, लेकिन सच यह है कि तीखी बोली, कटाक्ष और आपसी मतभेद को उत्पन्न करनेवाली बातों को बोलने के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी माहिर खिलाड़ी हैं. श्री तिर्की ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस मामले में अबतक के सभी कीर्तिमानों को ध्वस्त कर दिया है. इसमें कोई शक नहीं कि देेश-विदेश में दिलेरी से झूूठ बोलने में भारत के पहले प्रधानमंत्री साबित हुए है मोदी.

‘मंगलसूत्र की बातें…स्टार प्रचारक के खुराफाती मन की उपज’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहीं भी यह नहीं कहा कि किसी व्यक्ति के पास दो घर, दो भैंस, दो बैल आदि होने पर उसमें से एक को सरकार ले लेगी और उसे अन्य दूसरे लोगों के बीच में बांट देगी. इसके साथ ही मंगलसूत्र की बातें भी सिर्फ प्रधानमंत्री के खुराफाती मन की उपज है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री सरना धर्म कोड, समान नागरिक संहिता (यूसीसी), आदिवासियों की परंपरागत जीवन पद्धति को बरकरार रखने, आदिवासियों के संवैधानिक अधिकार, झारखण्ड का केन्द्र सरकार पर बकाया एक लाख 36 हज़ार करोड़ रुपया अविलम्ब देने और कांग्रेस सरकार द्वारा संवैधानिक रूप से आदिवासियों के साथ ही अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) एवं अल्पसंख्यकों को दिये गये अधिकार के मामले में जिस प्रकार से खामोशी अख्तियार किये बैठे हैं, वह पूरी तरह से बता रही है कि भाजपा एक साजिश के तहत काम कर रही है. कहा कि भाजपा को जहां-जहां अवसर मिलता है, वहीं उसने आदिवासियों के पक्ष में कांग्रेस द्वारा बनाये गये कानूनों एवं संवैधानिक प्रावधानों को आघात पहुंचाया है. झारखण्ड में भी उसने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में बदलाव की साजिश रची थी लेकिन लोगों के विरोध के कारण रघुवर दास सरकार को अपने कदम वापस लेने पड़े. श्री तिर्की ने कहा कि छत्तीसगढ़ में चुनाव जीतने के लिये भाजपा ने डिलिस्टिंग का मुद्दा उठाया और इसके कारण सरना और ईसाई धर्मावलम्बियों के बीच धर्म के आधार पर ध्रुवीकरण करने के बाद चुनाव तो जीत लिया. लेकिन जिस प्रकार से हंसदेव जंगल की 1 लाख 70 हज़ार हेक्टेयर भूमि को उज़ाड़ा गया है वह यह बताने को काफी है कि भारतीय जनता पार्टी की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री एक ओर कांग्रेस के घोषणा पत्र में बताये गये तथ्यों के साथ बहुत बुरी तरीके से खिलवाड़ कर उसे लोगों के सामने परोस रहे हैं वहीं दूसरी तरफ, तथ्यों, आंकड़ों और मुद्दों के आधार पर चुनाव लड़ने की बजाय उनका एकमात्र उद्देश्य केवल और केवल भावनात्मक मुद्दों पर लोगों को भड़काना और उनसे वोट लेना है.

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