रांची : झारखण्ड में अमित शाह की सभा 30 मई तक होती रहे, ताकि उसका लाभ इंडिया गठबंधन को मिलता रहे। शुक्रवार को खूंटी में अमित शाह की सभा चुनावी सभा न होकर नुक्कड़ सभा की तरह थी। सभा में ढोकर लाये लोग मौजूद थे। झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने शनिवार को मीडिया से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने देश के गृहमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह की खूब खिल्ली उड़ाई। उन्होंने कहा कि खूंटी में हुई अमित शाह की सभा 2019 में विधानसभा चुनाव के दौरान चक्रधरपुर में हुई उनकी एक चुनावी सभा की याद दिला दी, जिसमें भीड़ ही नहीं जुटी और जब परिणाम आये तो भाजपा वहां से साफ हो गई। सुप्रियो ने कहा कि कल खूंटी में भी अमित शाह की जो सभा हुई। उस सभा में स्थानीय लोग नहीं जुटे और बाहरी लोगों से भीड़ जुटाने का प्रबंध किया गया, उसमें भी भाजपाई असफल रहे।
मोदी-शाह को चुनाव आयोग से अभयदान मिला हुआ है
सुप्रियो ने खूंटी की चुनावी सभा अमित शाह के संवादों पर भी कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि उनकी भाषा अजीब रही है। वे झारखण्ड में कह रहे थे कि उलटा लटकाकर सीधा कर देंगे। शायद उन्हें ये नहीं पता कि यहां की जनता उन्हें और उनकी भाजपा को उलटा लटकाकर सीधा करने का मन बना चुकी है। ये गुजरात नहीं, झारखण्ड है, खदेड़ दिये जाओगे। हर चीज में वो गीदड़भभकी देना बंद करें। अपनी भाषा को संयमित रखें। वो तो कल की सभा में आदिवासी और स्थानीय वहां नहीं थे, नहीं तो आपकी नानी भी कुछ नहीं कर पाती। सुप्रियो ने कहा कि अगर लड़ना है तो इंडिया गठबंधन से लड़ों, मुद्दों पर लड़ो, अर्द्धसैनिक बलों के मंत्री होकर धमकाकर चले जायेंगे। ये लोग गलत करते चले जा रहे हैं। निर्मला सीतारमन आती हैं तो उनसे रैप-स्कैम के लोग मिलते हैं। पेपर का आदान-प्रदान होता है। होटल में अलग से मुलाकात होती है। एक और जमीन कारोबारी से बात होती है। जेल से जमानत पर छूटे लोगों से मुलाकातें होती हैं। लेकिन भाजपा के चुनाव आयोग को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. इसलिए मोदी-शाह जमकर राम मंदिर पर बोल रहे हैं. क्योंकि उन्हें अभयदान मिला हुआ है.