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Sunday, September 8, 2024
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कस्तूरबा और झारखंड बालिका आवासीय विद्यालयों की छात्राओं को करियर पर परामर्श देंगे 106 प्रशिक्षित शिक्षक

झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद
रांची

✦ 50,000 से अधिक बच्चियों में बढ़ाएंगे आत्म सम्मान, देंगे जीवन कौशल और करियर लक्ष्य निर्धारण पर परामर्श
✦ ‘हमें बढ़ना है’ परियोजना के तहत 10 जिलों से चयनित हुए थे 106 प्रशिक्षक

राज्य में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों और झारखंड बालिका आवासीय विद्यालयों में अध्ययनरत 50000 से अधिक छात्राओं को करियर विकल्पों के चयन एवं लक्ष्य निर्धारण में 106 करियर परामर्श पर विशेष प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक सहायता करेंगे। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के मार्गदर्शन में पीसीआई इंडिया (कमिंस फाउंडेशन और राइजअप के समर्थन के साथ) द्वारा राज्य के 10 जिलों से चयनित 106 शिक्षकों को इससे संबंधित विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।

इन शिक्षकों को आर्थिक स्वतंत्रता के मार्ग पर स्थापित छात्राओं की मदद करने और उन्हें उत्पादक मानव संसाधनों के रूप में विकसित होने में सक्षम बनाने हेतु प्रशिक्षित किया गया है। राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक श्री आदित्य रंजन ने कहा कि करियर परामर्श माध्यमिक स्कूल की लड़कियों के आत्मसम्मान में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह उन्हें पूरी तरह से कक्षा के शिक्षण, पठन पाठन समेत आदि गतिविधियों में भाग लेने में सक्षम कर सकता है।

क्या है ‘हमें बढ़ना है’ प्रोजेक्ट ?

‘हमें बढ़ना है’ प्रोजेक्ट को झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के मार्गदर्शन में पीसीआई इंडिया द्वारा शुरू किया गया है। यह सरकारी आवासीय स्कूलों में पढ़ रही छात्राओं को समग्र परामर्श पैकेज प्रदान करता है। इन विद्यालयों में अधिकांश छात्राएं वंचित और कम सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से आती हैं और शिक्षा एवं करियर का निर्धारण इन बच्चियों के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे में काउंसलर के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद चयनित शिक्षक नियमित रूप से इन छात्राओं के साथ मॉड्यूलर सत्र और समूह परामर्श सत्र आयोजित करते हैं। छात्राओं को तीन जत्थो में विभाजित किया गया है – पहला (ग्रेड 6-8), दूसरा (ग्रेड 9-10) और तीसरा (ग्रेड 11-12), यह परामर्श परियोजना छात्राओं को स्मार्ट लक्ष्य निर्धारित करने में मदद कर रही है, उन्हें साइकोमेट्रिक परीक्षणों के माध्यम से करियर विकल्प प्रदान करती है, साथ ही रिश्ते, अपने आस -पास सामाजिक / लिंग मानदंडों और उनके साथ निपटने में मदद करता है। ‘हमें बढ़ना है’ प्रोजेक्ट के तहत काउंसलिंग रूम भी स्थापित किए हैं।

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