गुमला – गुमला जिले के डुमरी और चैनपुर प्रखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में जंगली हाथियों के प्रवेश और बढ़ते आतंक से ग्रामीणों की जान आफत में है। वन विभाग और संबंधित विभागों के उच्च पदाधिकारी और कर्मचारी मूकदर्शक बने हुए हैं।
डुमरी और चैनपुर प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में जंगली हाथियों का झुंड प्रवेश कर चुका है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि जब जंगली हाथी इन क्षेत्रों में प्रवेश करते हैं तो उनकी रात की नींद और चैन उड़ जाते हैं। शाम ढलते ही ग्रामीण अपने जान-माल की हिफाजत में लगे रहते हैं। दूसरी ओर, वन विभाग के मंत्री से लेकर कर्मचारी तक चैन की नींद सोते हैं।
ग्रामीण दिन-रात अपने परिवार, घर, और खाद्यान्न सामग्री की रक्षा में जुटे रहते हैं। इसके बावजूद, सरकार, जिला प्रशासन, वन विभाग, जनप्रतिनिधि, सांसद, विधायक, और एनजीओ के लोग मूकदर्शक बने रहते हैं। बड़ी घटनाएं घट जाती हैं, घरों और खिड़कियों को हाथी ध्वस्त कर देते हैं, और खाद्य पदार्थों को बर्बाद कर देते हैं। फिर भी, वन विभाग और संबंधित विभाग केवल प्रचार-प्रसार के लिए मीडियाकर्मियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचते हैं और छानबीन के नाम पर नौटंकी करते हैं। समय से पहले कोई ठोस उपाय नहीं किया जाता।
डुमरी और चैनपुर प्रखंड के प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से लिखित आवेदन में अपनी 28 समस्याओं और समाधानों को सुझाया है। इसके बावजूद, वन विभाग और संबंधित विभाग के उच्च पदाधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि, सांसद, विधायक, और एनजीओ के लोग घटनास्थल पर अब तक उपस्थित नहीं हुए हैं और ना ही कोई ठोस कदम उठाए गए हैं। फलस्वरूप, ग्रामीणों में वन विभाग, संबंधित विभाग, एनजीओ और जनप्रतिनिधियों के प्रति भारी आक्रोश है।
न्यूज़ सोर्स – गनपत लाल चौरसिया
Edited by – Sanjana Kumari.