17.1 C
Ranchi
Sunday, November 24, 2024
Advertisement
HomeLocal NewsGumlaसिसई: अवैध बालू खनन के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई, हाइवा और मालिक...

सिसई: अवैध बालू खनन के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई, हाइवा और मालिक गिरफ्तार

गुमला : सिसई प्रखंड के पुसो थाना क्षेत्र के बरी गांव में अवैध बालू खनन के खिलाफ जिला टास्क फोर्स ने सोमवार की रात को छापेमारी की। जिला खनन पदाधिकारी विभूति कुमार के नेतृत्व में की गई इस छापेमारी में एक हाइवा को अवैध बालू लदे हुए जप्त किया गया। मौके पर बिरकेरा सोगड़ा गांव निवासी हाइवा के मालिक मुनेश प्रसाद को गिरफ्तार किया गया। खनन पदाधिकारी के आवेदन पर पुसो पुलिस ने मंगलवार को केस दर्ज कर मुनेश को जेल भेज दिया।

दर्ज केस में कहा गया है कि अवैध बालू खनन के खिलाफ सोमवार की रात को छापेमारी की गई थी। इस दौरान लरंगो-पुसो रोड पर जेएच 01 एफएल 3469 और जेएच 01 डीबी 3469 को अवैध बालू के साथ पकड़ा गया। मौके पर जेएच 01 डीबी 3469 का चालक बालू को रोड पर गिराकर फरार हो गया।

प्रशासन पर ग्रामीणों के सवाल

जिला खनन पदाधिकारी और पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर ग्रामीणों ने सवाल उठाए हैं। ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बरी गांव के कोयल नदी से दिनभर दर्जनों ट्रेक्टर से बालू निकालकर नदी किनारे जमा किया जाता है और रात के अंधेरे में दर्जनों हाइवा से ढोया जाता है। प्रशासन को इसकी जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती। रात को जब प्रशासन घाट पर पहुंची, उस समय 11 हाइवा बालू लादने के लिए खड़े थे, जिनमें से एक जेसीबी बालू लोड कर रहा था। प्रशासन ने इसे अनदेखा कर दिया। रास्ते से दो हाइवा के साथ एक मालिक और बालू भंडारण करने वाले एक स्थानीय युवक को पुलिस ने पकड़ा, लेकिन बाद में भंडारण करने वाले को छोड़ दिया गया।

अवैध बालू खनन का बढ़ता कारोबार

गुमला जिला अंतर्गत सिसई प्रखंड क्षेत्र में अवैध बालू खनन का कारोबार विभिन्न नदियों के घाटों पर परवान चढ़ता जा रहा है। दिनभर दर्जनों बालू घाट में अवैध रूप से ट्रेक्टर लगाकर बालू निकाला जाता है और रात के अंधेरे में हाइवा में लादकर रांची सहित अन्य जगहों पर भेजा जाता है। इस खनन कार्य में बालू माफिया सहित गांव के दबंग युवक भी शामिल हैं। मजदूर वर्ग के लोग भी इस कारोबार में लगे हुए हैं। जिले की सीमा से लगे अन्य जिलों के माफिया भी इस अवैध कारोबार से जुड़े हुए हैं, जिससे ग्रामीण भी डरे-सहमे कुछ भी कहने से घबराते हैं।

प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल

कभी-कभार विभागीय अधिकारी कार्रवाई के नाम पर छापेमारी कर एक-दो ट्रेक्टर और हाइवा को जप्त करते हैं, लेकिन इसके बाद भी अवैध खनन रोकने का कोई ठोस नतीजा नहीं निकलता। पुलिस मुख्यालय और खनन विभाग के कड़े निर्देशों के बावजूद कार्रवाई बेअसर साबित हो रही है और अवैध बालू खनन थमने का नाम नहीं ले रहा। लोगों के बीच चर्चा है कि कथित तौर पर पुलिस प्रशासन और कुछ सफेदपोश नेताओं के संरक्षण में यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाती है। प्रशासन व्यवस्था दुरुस्त करने में फेल नजर आ रहा है, चाहे इसकी वजह जो भी हो। आम जनता द्वारा प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप लगाया जाता है, जिसे प्रशासन अपने द्वारा की गई कार्रवाई का हवाला देकर खारिज कर देता है। समय रहते इस पर रोक नहीं लगी तो आने वाले दिनों में स्थानीय लोगों को बालू के साथ-साथ पानी की समस्या से भी जूझना पड़ेगा और नदी पर बने पुल टूटेंगे।

न्यूज़ – गनपत लाल चौरसिया

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments