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Thursday, September 19, 2024
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हेमंत सोरेन का जेल जाना झामुमो के लिए वरदान बना, कल्पना जैसी जीवन संगिनी अब राजनीतिक हमसफर बन चुकी है

नारायण विश्वकर्मा

रांची : झारखंड में झामुमो की ओर से अब इमोशनल कार्ड खेला जा रहा है. मौका है तो दस्तूर भी है. जेल में पांच माह रहने से उपजी सहानुभूति के रथ पर सवार होकर तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हेमंत सोरेन काफी भावुकता प्रदर्शित कर रहे हैं. उनका एक भावुक पोस्ट पर गौर कीजिए, जिसमें वे अपने पिता शिबू सोरेन से अपने लुक की तुलना कर रहे हैं। पोस्ट में उन्होंने अपने शपथ ग्रहण के दौरान की कुछ तस्वीर भी साझा की है। पोस्ट में हेमंत सोरेन ने लिखा है कि लोग कहते हैं कि मैं अब बाबा के जैसा दिखता हूं पर, मेरे बाबा मुझसे कहीं अच्छे दिखते हैं। साथ ही उन्होंने खुद को पिता का प्रतिबिंब बताया है। जाहिर है माता-पिता का अक्स बेटे में दिखता ही है. जेल में रहने के कारण बढ़ी दाढ़ी के कारण शिबू सोरेन जैसे वे लग रहे हैं. हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि लोग कहते हैं मैं अब बाबा के जैसा दिखता हूं। पर मेरे बाबा मुझसे कहीं अच्छे दिखते हैं। उनकी आंखों में वो ज्ञान की चमक, उनके चेहरे पर वो अनुभव की लकीरें, उनकी मुस्कान में वो जीवन का रस, मैं तो बस उनका उभरता प्रतिबिंब हूं। 4 जुलाई को झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद शपथ ग्रहण के दौरान हेमंत के माता-पिता-पत्नी सहित सभी परिजन मौजूद रहे। पारिवारिक माहौल में कल्पना सोरेन लोगों के लिए अलग छवि बिखेर रही थी. हेमंत का जेल जाना कई मायने में झामुमो के लिए संजीवनी का काम किया है. खासकर कल्पना के लिए यह क्षण किसी राजनीतिक सौगात से कम नहीं है. इसलिए हेमंत सोरेन गदगद हैं,क्योंकि अब वे एक से भले दो हो गए हैं. आनेवाले समय में कल्पना का राजनीतिक सितारा कई बुलंदियों को छू सकता है.

सीता सोरेन को पछाड़ कर कल्पना सोरेन काफी आगे निकल गई

हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन से साथ कार की ड्राइविंग सीट में बैठने के बाद विपक्ष पर तंज कसते हुए पत्रकारों से कहा कि यार, सामने से हट जाओ, पांच महीने बाद ड्राइव कर रहा हूं…बहुत सारी ताकतें लगी थी, हमें रोकने में…पता नहीं किसे चोट लग जाए…मैं ड्राइवर हूं और कल्पना को-ड्राइवर।’ निश्चित रूप से हेमंत ने एक बार फिर सत्ता की ड्राइविंग सीट संभाल ली है और इस बार उनके साथ को-ड्राइवर की सीट पर कोई और नहीं, बल्कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन हैं। 28 जून को हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद से ही कल्पना हर पल साए की तरह उनके साथ-साथ चल रही हैं। पिछले आठ दिनों के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रमों में दोनों की जो केमिस्ट्री दिखी है, उसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। गुरुवार को सीएम पद की शपथ लेने के एक घंटे बाद ही हेमंत सोरेन झारखंड मंत्रालय स्थित कार्यालय में कल्पना सोरेन के साथ पहुंचे और पदभार संभाला। वहां से वापस आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने अपनी कार खुद ड्राइव की। हालांकि हेमंत ने हल्के-फुल्के अंदाज में पत्रकारों से कहा लेकिन उनके निशाने पर विपक्ष ही था. दरअसल, कल्पना सोरेन उनकी जीवन संगिनी के साथ-साथ राजनीतिक हमसफर भी साबित हुई है. मात्र छह माह के अंदर कल्पना सोरेन ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना ली है. राजनीतिक दावपेंच की अच्छी ट्रेनिंग मिल रही है, इसलिए सियासी फैसले में कल्पना हेमंत सोरेन  की सबसे खास सलाहकार और सहयोगी बन कर उभरी हैं। ये और बात है कि राजनीतिक और पारिवारिक कारणों से वह सीएम की कुर्सी तक नहीं पहुंच सकी, लेकिन अपनी गोतनी सीता सोरेन को राजनीतिक रूप से पछाड़ कर वह काफी आगे निकल चुकी हैं.

अब कल्पना की ऊंची उड़ान को रोकना मुश्किल है

राजनीतिक रूप से परिपक्व होती कल्पना सोरेन झारखंड की राजनीति का अच्छा-खासा दखल रहेगा, इसे राजनीतिक पंडित ही विपक्ष भी मान रहा है. हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन ने जिस तरह से खुद को प्रोजेक्ट किया है, उसे ऐतिहासिक माना जाना चाहिए. चंद दिनों में वह सियासी मोर्चे पर खरी उतरी है तो हेमंत की खुशी दुगनी हो गयी है. हेमंत सोरेन जब तक जेल में रहे, उनका सोशल मीडिया हैंडल कल्पना ने ही संभाला और लोगों से इमोशनली कनेक्ट हुई. किसी मुख्यमंत्री के जेल जाने के बाद उनकी अद्धांगिनी के रूप में राजनीतिक रूप से बगैर सत्ता पर काबिज हुए अघोषित रूप से सरकार और संगठन को संभालना आसान काम नहीं था. राजनीतिक रूप से सीता सोरेन से अगर कल्पना सोरेन की तुलना नहीं की जा सकती. डेढ़ दशक से राजनीति में रहने के बावजूद सीता सोरेन वहीं नहीं पहुंच सकी, जहां छह माह में कल्पना सोरेन पहुंच चुकी है. सीता सोरेन को राजनीतिक रूप से अधिक क्षति उठानी पड़ी है. इसके अलावा कल्पना पांच माह के अंदर विधायक बन कर झारखंड की राजनीति में बहुत आगे निकल चुकी हैं. इसलिए हेमंत सोरेन अपनी पत्नी की राजनीतिक योग्यता से बहुत प्रभावित हैं. झामुमो के कई कार्यकर्ताओं ने भी इस बात को माना और सराहा भी है. आनेवाले समय में कल्पना ऊंची उड़ान भरेंगी और राजनीति में अपना मुकाम हासिल करेंगी.

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