दक्षिण अफ्रीका में झारखंड के फंसे 27 प्रवासी श्रमिकों की हुई वतनवापसी, हेमंत सोरेन सरकार के प्रति जताया आभार, मंत्रियों ने सभी को 25-25 हजार के चेक सौंपे
मुम्बई मेल से पारसनाथ रेलवे स्टेशन पहुंचे सभी श्रमिक, सभी को पुष्पहार पहनाकर हुआ स्वागत
गिरिडीह (कमलनयन) : झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की दृढ़ इच्छाशक्ति एवं श्रम नियोजन प्रशिक्षण व कौशल विभाग के आला अधिकारियों के त्वरित प्रयास से दक्षिण अफ्रीका के कैमरून में फंसे गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग जिलों के 27 प्रवासी श्रमिकों की सकुशल वतनवापसी हुई। बुधवार को मुम्बई मेल से पारसनाथ रेलवे स्टेशन पहुंचे सभी मजदूरों का राज्य सरकार की मंत्री बेबी देवी, विधायक सुदिव्य कुमार, श्रम विभाग के सचिव मुकेश कुमार, गिरिडीह के उपायुक्त नमन प्रियेश लकडा, श्रम अधीक्षक रवि शंकर, एसपी दीपक कुमार शर्मा, डीपीआरओ अंजना भारती, श्रमायुक्त सहित संबंधित विभाग के अधिकरियों ने सभी 27 मजदूरों को पुष्पहार पहनाकर स्वागत किया गया एवं सभी श्रमिकों को तत्काल 25 – 25 हजार की सहायता राशि दी गई।
मजदूरों को सहायता राशि के चेक प्रदान किये गए
इस मौके पर हेमंत सोरेन सरकार के मंत्री सत्यानंद भोक्ता, बैद्यनाथ राम, बेबी देवी, विधायक कल्पना सोरेन, सुदिव्य कुमार ने सभी मजदूरों को सहायता राशि के चेक प्रदान किये। सकुशल अपने प्रदेश लौटने पर सभी श्रमिकों ने सीएम हेमंत सोरेन का शुक्रिया अदा करते हुए राज्य सरकार का आभार जताया और कहा कि कैमरून में सभी 27 मजदूर घुटन भरी जीवन व्यतीत कर रहे थे। पेटभर भोजन नसीब नहीं होता था और न ही तयशुदा मजदूरी मिलती थी। विवश होकर हमलोग सोशल मीडिया के जरिये अपनी व्यथा यहां तक भेज पाए। हमलोगों के लिए खुशी की बात है कि झारखण्ड सरकार ने हमारी वेदना का तत्काल संज्ञान लेकर हम सभी की वतनवापसी करवाई। श्रमिकों ने कहा कि भविष्य में विदेश जाना होगा तो स्थानीय प्रशासन को सूचित करके ही जायेंगे। वतन वापस लौटे श्रमिकों में चास-बोकारो के 18 , हजारीबाग जिले के 05 और गिरिडीह जिले के 04 श्रमिक शामिल हैं।
श्रम सचिव ने कहा-राज्य में अबतक दस लाख से अधिक मजदूरों का ऑनलाइन पंजीकरण हुआ
मजदूरों की वतन वापसी को लेकर राज्य सरकार के प्रयासों की बाबत विभागीय सचिव मुकेश कुमार ने कहा कि कैमरून में 27 श्रमिकों के फंसे होने का मामला संज्ञान में आने के साथ ही विभागीय स्तर पर लगातार प्रयास किये गये। विदेश मंत्रालय से संपर्क साधा गया। जिन दोनों कंपनियों में श्रमिक काम कर रहे थे, कंपनी प्रबंधक पर दबाव बनाया गया उन्हें कहा गया जो श्रमिक स्वेच्छा वतन लौटना चाहते हैं, उन्हे रोके नहीं। उन्होंने कहा कि गिरिडीह से घर तक श्रमिकों को पहुंचाने का कार्य जिला प्रशासन द्वारा किया गया है। इसकी मॉनिटरिंग गिरिडीह के उपायुक्त ने की। विभागीय सचिव ने कहा कि अबतक पूरे राज्य में दस लाख से अधिक मजदूरों का ऑनलाइन पंजीकरण किया गया. यह प्रक्रिया अभी जारी है। इस दौरान एसपी दीपक कुमार शर्मा, डुमरी के एसडीएम शहजाद परवेज, बीडीओ अन्वेषा ओनो, सीओ शशि भूषण वर्मा, थाना प्रभारी राणा जंग बहादुर सिंह एवं श्री प्रिनन समेत काफी संख्या में गण्यमाण्य लोग मौजूद थे।
कल्पना सोरेन ने सीएम से मोबाइल से वीडियो कॉलिंग कर मजदूरों से बात कराई
गिरिडीह/ डुमरी : सतारूढ़ जेएमएम शीर्ष नेत्री विधायक कल्पना सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन राज्यवासियों की समस्याओं को लेकर हमेशा संवेदनशील रहे हैं। कोविड काल में भी सैकड़ों प्रवासी मजदूरों को हवाई एव रेल मार्ग से उनके घरों तक पहुंचाने का कार्य किया था। विगत 16 जुलाई को सोशल मीडिया के जरिये 27 मजदूर भाइयों के कैमरून में फंसे होने का मामला आया. उसके बाद से मजदूरों को लाने में हेमंत जी प्रयत्नशील रहे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मजदूरों, किसानों और गरीबों के लिए हमेशा चिंतित रहते हैं। कल्पना सोरेन ने कहा कि जितनी खुशी घर लौट मजदूर भाइयों को हो रही है, हमें भी उतनी ही खुशी है। इस दौरान विधायक कल्पना सोरेन ने सीएम से मोबाइल से वीडियो कॉलिंग कर मजदूरों से बात कराई। सीएम ने मजदूरों का कुशलक्षेम पूछा और कहा कि आपकी सरकार आपके साथ है। मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि चाहे लेह-लद्दाख का मामला हो या फिर दक्षिण अफ्रीका से इन मजदूरों को लाने का मामला हो, जैसे ही सरकार के संज्ञान में आया इसपर मुख्यमंत्री तुरंत सक्रिय हो गये थे। शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम ने कहा कि हेमंत सोरेन है तो मजदूरों, किसानों-गरीबों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मुख्यमंत्री इनलोगों के लिए दिन-रात चिंतित थे। मंत्री बेबी देवी ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए राज्य में ही रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के लिए वे मुख्यमंत्री से बात करेंगे साथ ही कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य में एक मजबूत और गरीबों के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहने वाली सरकार है.