विपक्ष की मांग: सीएम युवाओं और अनुबंधकर्मियों के मुद्दे और अपने घोषणापत्र में किये गये सारे वायदे पर सदन में स्पष्ट जवाब नहीं देंगे, तबतक बीजेपी के सभी विधायक सदन से बाहर नहीं जाएंगे.
झारखंड विधानसभा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब सदन स्थगित होने के बाद भी विपक्ष सदन में ही कैद रहे और सीएम को वार्ता के लिए मजबूर किया
रांची : आखिरकार सरकार झुकी और और अब सदन के अंदर धरना पर बैठे देर शाम बीजेपी विधायकों के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनसे वार्ता करने विधानसभा पहुंच गए हैं और वार्ता जारी है। बीजेपी के विधायकों ने बुधवार को ये ठान लिया था कि जब तक सीएम युवाओं और अनुबंधकर्मियों के मुद्दे और अपने घोषणापत्र में किये गये सारे वादे पर सदन में स्पष्ट जवाब नहीं देंगे तब तक बीजेपी के विधायकों का कदम सदन के बाहर नहीं जाएगा। इस बीच सदन के अंदर की बिजली काट दी गई थी. झारखंड विधानसभा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब सदन स्थगित होने के बाद विपक्ष सदन में ही कैद रहे और सीएम को वार्ता के लिए मजबूर किया.
सीएम खुद विधायकों को मनाने के लिए विधानसभा पहुंचे
इससे पूर्व सीएम ने विधानसभा के बाहर निकलकर मीडिया से बात करते हुए कहा था कि वे कल इसपर कल बात करेंगे। लेकिन बीजेपी विधायकों की जिद थी कि ने वे हर हाल में आज ही सीएम को उन मुद्दों पर जवाब देना होगा. कहा गया कि जबतक युवाओं और अनुबंध कर्मियों के मुद्दे और अपने घोषणापत्र में किये गये सारे वादे पर सदन में स्पष्ट जवाब नहीं देंगे तब तक बीजेपी के विधायकों का कदम सदन के बाहर नहीं जाएगा। झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है. सदन के अंदर बैठे बीजेपी विधायकों को बाहर करने के लिए बिजली काट दी गई, एसी वगैरह सब बंद कर दिया गया था. वहीं विपक्षी विधायकों को मार्शलों ने घेर लिया था. इसके बाद सीएम खुद विधायकों को मनाने के लिए विधानसभा पहुंचना पड़ा.
स्पीकर ने हंगामे के मद्देेेेनजर सदन को कल तक के लिए स्थगित कर दिया था
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद बुधवार को फिर विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरा. इस बीच दोनों ओर से बार वार-पलटवार हुआ और हंगामे के बाद सदन को स्थगित कर दिया गया. सत्र के शुरू होने के बाद से बीजेपी ने बांग्लादेशी मुसलमानों की घुसपैठ का मुद्दा उठाया. इसके बाद सदन के अंदर और बाहर भी हंगामा हुआ. इसके बाद स्पीकर को फिर गुरुवार सुबह तक सदन स्थगित करना पड़ा. स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने कार्यवाही स्थगन की घोषणा करते हुए कहा कि मैं माननीय नेता प्रतिपक्ष के व्यवहार से आहत होकर इस कार्यवाही को बुधवार पूरे दिन के लिए स्थगित करता हूं. इसके बाद भी विपक्षी विधायक सदन में डटे हुए थे. सीएम को शायद लगा कि अंतत: वे भी सदन से निकल कर अपने आवास चले जाएंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं और सीएम को उनसे वार्ता करने के लिए विधानसभा वापस आना पड़ा. फिलहाल वार्ता जारी है.