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Thursday, September 19, 2024
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गिरिडीह: सीसीएल की ऑपन कास्ट कोयला खदान में उत्पादन शुरू होने की उम्मीद जगी: डीसी के नेतृत्व में हुई बैठक में सरफराज, कल्पना और सुुुुुदिव्य ने सार्थक पहल की

गिरिडीह (कमलनयन) : सेन्ट्रल कोल फिल्ड लिमिटेड, बनियाडीह यूनिट की पिछले कई सालों से बंद ओपन कास्ट कोयला खदान में फिर से उत्पादन शुरू करने को लेकर एक बार फिर से प्रयास तेज किये जा रहे हैं। इस बार सतारूढ़ दल के  राज्यसभा सांसद डा. सरफराज अहमद, जेएमएम शीर्ष नेत्री और गाण्डेय विधायक कल्पना सोरेन और गिरिडीह सदर विधायक सुदिव्य कुमार ने सार्थक पहल की है। इस संदर्भ में रविवार को जिला प्रशासन, वन विभाग, राजस्व विभाग और पर्यावरण विभाग के आला अधिकारियों के साथ हुई बैठक का नेतृत्व उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने किया। बैठक में डीएफओ मनीष तिवारी, अपर समाहर्ता विजय सिंह बिरुवा,  सीसीएल के परियोजना पदाधिकारी संजय सिंह समेत संबंधित विभागों के कई अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में बंद पड़ी ओपन कास्ट कोयला खदान की भूमि 1980 के पहले से ब्रोकर लैंड भूमि होने का मामला आने के बाद सीसीएल के प्रोजेक्ट ऑफिसर ने स्पष्ट किया कि ओपन कास्ट कोयला खदान की भूमि 1980 के बाद का ब्रोकन लैंड भूमि है। ऐसे में इस कोयला खदान से कोयला उत्पादन शुरू करने में कोई परेशानी नहीं है। बैठक के पश्चात विधायक कल्पना सोरेन एवं सुदिव्य कुमार ने कहा कि आज की बैठक में सभी ने काफी सकारात्मक पहल की है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो, गिरिडीह इलाके के हित में तीन माह के भीतर ओपेन कास्ट कोयला खदान में पुनः कोयले का उत्पादन प्रारम्भ हो जायेगा।

हेमंत सोरेन सरकार का मकसद युवाओं के हाथों को काम देना है: कल्पना सोरेन

बैठक में कल्पना सोरेन ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार का मकसद युवाओं के हाथों को काम देना है. इस दिशा में लगातार सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं। बंद पड़ी ऑपेन कास्ट कोयला खदान में उत्पादन शुरू होने से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से काम मिलेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वन विभाग, पर्यावरण विभाग और सीसीएल प्रबंधन समन्वय बनाकर अगर कोई विसंगति हो तो, दूर करने संबंधित कागजात सात दिनों के भीतर तैयार किये जायं ताकि तमाम दस्तावेज का अध्ययन किया जा सके। विधायक सुदिव्य ने कहा पर्यावरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ताजा गाइडलाइन आई है. उसका भी पालन होगा। विधायक ने कहा कि तमाम अड़चनों को दूर करने के यथासंभव प्रयास किये जा रहे हैं। सीसीएल अधिकारी ने कहा कि तमाम कागजात एक सप्ताह के भीतर संबंधित विभागों को उपलब्ध करा दिये जायेंगे। सीसीएल के पदाधिकारी ने बताया कि पूर्व में कोर्ट का एक निर्णय आया था, जिसमें कहा गया था कि जमीन पर 1980 से पहले जहां खदान संचालित (ब्रोकन लैंड) था, वहां वन अधिनियम लागू नहीं होगा। ऑपेन कास्ट खदान भी 1980 से पहले से संचालित है. ऐसे में इस पर पर वन अधिनियम लागू नहीं होता है. बैठक में सीसीएल के अधिकरियों ने इससे जुड़े कागजात भी रखे। कागजात देखने के उपरांत सांसद, विधायक और डीसी ने मौके पर मौजूद डीएफओ मनीष कुमार तिवारी को इस दिशा में अग्रेतर कार्रवाई करने को कहा।

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