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Friday, November 15, 2024
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भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर झारखंड में शुरू हुआ जनजातीय गौरव दिवस पखवाड़ा

15 नवंबर 2024 को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर झारखंड ने जनजातीय गौरव दिवस पखवाड़ा की शुरुआत की। यह आयोजन न केवल भगवान बिरसा मुंडा की विरासत का सम्मान है, बल्कि उनकी शिक्षाओं और संघर्षों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास भी है।

इस पखवाड़े का आयोजन 26 नवंबर 2024 तक किया जाएगा, जिसमें राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में विशेष कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है। राज्य शिक्षा परियोजना परिषद रांची द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत इन आयोजनों को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं।

भगवान बिरसा मुंडा: आदिवासी समाज के प्रेरणा स्रोत

भगवान बिरसा मुंडा, जिन्हें “धरती आबा” के नाम से जाना जाता है, आदिवासी समाज के सच्चे नायक और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी योद्धा थे। उनका जीवन प्रेरणा, संघर्ष और सामाजिक सुधार का प्रतीक है।

उनके प्रमुख योगदान:

  • ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह: बिरसा मुंडा ने आदिवासियों के हक और उनकी संस्कृति की रक्षा के लिए अंग्रेजी शासन के खिलाफ आंदोलन चलाया।
  • सामाजिक सुधारक: उन्होंने आदिवासी समाज में कुरीतियों और अंधविश्वासों को दूर करने का प्रयास किया।
  • जल-जंगल-ज़मीन की लड़ाई: बिरसा मुंडा ने आदिवासियों को उनकी पारंपरिक संपत्तियों के अधिकार के प्रति जागरूक किया।

उनकी शिक्षाएं आज भी समाज में प्रासंगिक हैं, और यह पखवाड़ा उन्हें याद करने और उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का एक अवसर है।

जनजातीय गौरव दिवस पखवाड़ा: मुख्य उद्देश्य और कार्यक्रम

राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक शशि रंजन द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं कि इस पखवाड़े के दौरान स्कूलों में बच्चों को भगवान बिरसा मुंडा के संघर्ष और योगदान से परिचित कराया जाए।

पखवाड़े के मुख्य कार्यक्रम:

  1. भगवान बिरसा मुंडा पर आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता:
    • स्कूलों में बच्चों के बीच एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।
    • यह प्रतियोगिता उनके जीवन और आदर्शों पर केंद्रित होगी।
  2. लघु फिल्म का प्रदर्शन:
    • माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भगवान बिरसा मुंडा को दी गई श्रद्धांजलि के रूप में एक लघु फिल्म बच्चों को दिखाई जाएगी।
    • यह फिल्म उनके जीवन के संघर्ष और आदिवासी समाज पर उनके प्रभाव को दर्शाएगी।
  3. प्रेरणादायक कार्यक्रम और चर्चाएं:
    • स्कूली बच्चों को बिरसा मुंडा के जीवन से प्रेरित कहानी सुनाई जाएगी।
    • उनकी शिक्षाओं को बच्चों के दैनिक जीवन में लागू करने पर चर्चा होगी।

कार्यक्रमों की निगरानी:

पखवाड़े की सुचारू रूप से निगरानी के लिए जिलास्तर पर एडीपीओ को नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया है।

भारत सरकार की पहल: जनजातीय गौरव वर्ष

इस वर्ष भारत सरकार ने 15 नवंबर से 15 नवंबर 2025 तक जनजातीय गौरव वर्ष मनाने की घोषणा की है। यह वर्ष भगवान बिरसा मुंडा की शिक्षाओं और उनके योगदान को राष्ट्रव्यापी स्तर पर उजागर करने का एक प्रयास है।

जनजातीय गौरव वर्ष का महत्व:

  • भगवान बिरसा मुंडा के जीवन को श्रद्धांजलि।
  • आदिवासी समुदाय की समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और योगदान को सम्मान।
  • आदिवासी समाज की समस्याओं को समझने और उन्हें सुलझाने के प्रयास।

झारखंड के स्कूली बच्चों के लिए विशेष अवसर

झारखंड के स्कूलों में इस पखवाड़े के दौरान आयोजित कार्यक्रम बच्चों को न केवल भगवान बिरसा मुंडा की शिक्षाओं से रूबरू कराएंगे, बल्कि उन्हें अपने समाज और देश के प्रति जागरूक भी बनाएंगे।

शिक्षा के साथ प्रेरणा का संगम:

  • भगवान बिरसा मुंडा के आदर्श बच्चों को संघर्ष, सच्चाई, और समानता के महत्व को समझने में मदद करेंगे।
  • बच्चों को अपने सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को समझने और उन्हें संरक्षित करने की प्रेरणा मिलेगी।

जनजातीय गौरव दिवस पखवाड़ा का संदेश

जनजातीय गौरव दिवस पखवाड़ा भगवान बिरसा मुंडा की विरासत का उत्सव है। यह पखवाड़ा झारखंड के लोगों के लिए गर्व का अवसर है, जहां वे अपने इतिहास और संस्कृति को आत्मसात कर सकते हैं।

भगवान बिरसा मुंडा ने सिखाया कि समानता, न्याय और सच्चाई के लिए संघर्ष करना सबसे बड़ी मानव सेवा है। आइए, हम उनके आदर्शों को अपनाएं और अपनी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करें।

News Desk

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