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Saturday, January 11, 2025
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बाल विकास विभाग, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग और यूनिसेफ के सयुक्त प्रयास से तैयार हुई है ‘नन्हे कदम पाठ्यचर्या सह हस्तपुस्तिका’

✦ बच्चो के शुरुवाती छह वर्षो में सीखने और पढ़ने की क्षमता का विकास कर रही है शाला पूर्व पाठ्यचर्या ‘नन्हे कदम’
✦ बच्चो के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य के 38,432 आंगनबाड़ी केंद्रों/बालवाटिका में ‘नन्हे कदम पाठ्यचर्या सह हस्तपुस्तिका’ का क्रियान्वयन प्रस्तावित
✦ ICDS कार्यक्रम एवं नयी शिक्षा नीति के अंतर्गत प्रारंभिक बाल्यावस्था में बच्चो के लिए स्वाभाविक, आनंदमय और सुखद शैक्षणिक वातावरण के निर्माण पर दिया गया जोर
✦  ‘नन्हे कदम’ में बच्चो के लिए हर महीने 20 दिन (चार घंटे) निर्धारित की गयी है दो कोटि की गतिविधियां, प्रत्येक माह और दिवस पर एक थीम पर आधारित होती है गतिविधियां
बच्चो के जीवन के आरंभिक 6 वर्ष उनके विकास के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण होते है। इसी अवस्था में वे अपने आसपास के परिवेश से सीखना और समझना शुरू करते है। इस अवधि के दौरान बच्चो को प्राप्त अनुभव, उनके शारीरिक, बौद्धिक, भावनात्मक एवं सामाजिक विकास को प्रभावित करते है। साथ ही अच्छी आदतों की नींव भी इसी उम्र में पड़ती है। ऐसे में प्रारंभ से ही संदर्भगत एवं सिद्धांतयुक्त सार्थक अनुभव दिया जाये तो बच्चो का सर्वांगीण विकास होता है।
शाला पूर्व शिक्षा के इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए राज्य के 38,432 आंगनबाड़ी केंद्रों/बालवाटिका में बाल विकास विभाग, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग और यूनिसेफ के सयुक्त प्रयास से ‘नन्हे कदम पाठ्यचर्या सह हस्तपुस्तिका’ का क्रियान्वयन प्रस्तावित किया गया है। इस पाठ्यचर्या के अंतर्गत बच्चो के साथ ऐसी गतिविधियां की जाती है, जो उनके सीखने की ललक को अभिप्रेरित करे, उनकी क्षमता को बढ़ाएं और उन्हें समग्र विकास का खुला अवसर दे।
नन्हे कदम पाठ्यचर्या में आयु वर्ग 3 से 6 वर्ष के बच्चो के सर्वांगीण विकास के सभी आयामों, जैसे की शारीरिक, मानसिक, संज्ञानात्मक, भाषायी, सामाजिक, सृजनात्मक को ध्यान में रखा गया है। साथ ही पाठ्यचर्या की गतिविधियां भी लचीली है, जिसमे आंगनबाड़ी सेविकाएं अपने केंद्रों के बच्चो की जरूरतों को देखते हुए नयापन ला सके। इस बाल केंद्रित पाठ्यचर्या में बच्चो द्वारा रचनात्मक समस्या सुलझाने के साथ साथ बातचीत को प्रोत्साहित किया गया है।

शाला पूर्व शिक्षा पाठ्यचर्या ‘नन्हे कदम’ का उद्देश्य 

नन्हे कदम बच्चो की अंतनिर्हित क्षमताओं को महत्त्व देकर उन्हें विकास के अवसर प्रदान करता है। इसमें निर्धारित गतिविधियों के माध्यम से बच्चो की इन्द्रियों एवं शारीरिक अंगो का भरपूर विकास होता है। इतना ही नहीं, संज्ञानात्मक विकास के लिए विभिन्न खेल एवं रोचक गतिविधियां भी निर्धारित की जाती है। नन्हे कदम के अंतर्गत बातचीत एवं सम्प्रेशात्मक गतिविधियों से बच्चो का भाषायी विकास होता है। इस पाठ्यचर्या में बच्चो के विकास के लिए परिवार, समुदाय एवं परिवेश की भूमिका को भी संवर्धित किया गया है। जिससे विद्यालय में प्रवेश से पहले बच्चो का सकारात्मक एवं रचनात्मक विकास हो सके।

‘नन्हे कदम’ के अंतर्गत प्रतिमाह थीम आधारित होती है गतिविधियां 

नन्हे कदम पाठ्यचर्या सह हस्तपुस्तिका के अंतर्गत प्रति माह थीम आधारित गतिविधियां निर्धारित है। हर माह के प्रत्येक सप्ताह का दिनवार पाठ्यक्रम है। इसमें प्रत्येक सप्ताह के पांच दिन चार घंटे की गतिविधियां होती है, और छठे दिन साप्ताहिक पुनरावृत्ति के लिए निर्धारित है। छठे दिन ऐसी गतिविधियां होती है जो या तो पाठ्यचर्या में छूट गयी हो, या अधूरी रह गयी हो। माह के अंतिम सप्ताह के छठे दिन मासिक पुनरावृत्ति से संबंधित गतिविधियां होती है। इस शाला पूर्व शिक्षा पाठ्यक्रम की गतिविधियों को प्रतिदिन दो कोटि में बांटा गया है। इसमें सामान्य गतिविधियां और थीम आधारित गतिविधियां शामिल है। सामान्य गतिविधियों में स्वागत, स्वास्थ्य जांच, व्ययायाम, प्रार्थना, बाल गीत, उपस्थिति जांच, कैलेंडर एक्टिविटी शामिल है। जबकि थीम आधारित गतिविधियां बच्चो के भाषायी, संज्ञानात्मक, सृजनात्मक एवं शारीरिक विकास पर केंद्रित है।
बच्चो के सीखने की प्रक्रियाओं को रुचिकर, आनंदमयी और समावेशी बनाने के लिए पाठ्यचर्या के तहत आंगनबाड़ी में जिन गतिविधियों को प्राथमिकता दी जाती है उनमे अंदर बाहर खेलना, रोचक विषय पर बातचीत और कहानी सुनाना, नाटक करना, भूमिका अभिनय, सामूहिक खेलकूद, सामूहिक कला प्रदर्शन, हाव भाव बनाना, चित्रकारी करना, मिटटी से बर्तन, खिलौने और मूर्तियों का निर्माण करना, आसपास घूमना और अवलोकन करना, एक्टिविटी शीट पर काम करना, आदि शामिल है।

चरणबद्ध तरीके से बनी नन्हे कदम पाठ्यचर्या 

नयी शिक्षा नीति और ICDS (एकीकृत बाल विकास सेवाएं) के छह घटक में से शाला पूर्व शिक्षा एक महत्वपूर्ण घटक है, जिसके माध्यम से बच्चो के आगामी शिक्षा के लिए एक मजबूत नींव का विकास होता है। नन्हे कदम पाठ्यचर्या को विकसित करने की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से चली। पहले चरण में पूर्व बालपन शिक्षा से जुड़े सभी सामग्रियों का अवलोकन एवं अध्ययन किया गया। इसके बाद राष्ट्रीय स्तर के अनुभवी विशेषज्ञों की देख रेख में कार्यशालाएं आयोजित हुई। इन कार्यशालाओं में सेविका, महिला परिवेशिकाओ और बाल परियोजना अधिकारियो को शामिल किया गया।
पाठ्यचर्या को तैयार करने के दौरान नयी शिक्षा नीति, नॅशनल अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन पॉलिसी (2013), नेशनल करिक्युलम फ्रेम वर्क फॉर अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन तथा नेशनल क्वालिटी स्टैंडर्ड को ध्यान में रखा गया। इस दौरान अलग अलग राज्यों में चले ECCE कार्यक्रमों का भी अध्ययन किया गया। NIPCCD एवं NCERT के विशेषज्ञों के अवलोकन के बाद दिनांक 7 अक्टूबर, 2020 को ‘नन्हे कदम पाठ्यचर्या सह हस्तपुस्तिका’ को राज्य सरकार द्वारा मान्यता मिल गयी।
News Desk
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