गिरिहीह : जिले देवरी थाना क्षेत्र के कोशोगोंदोंदिघी गांव में पुलिसकर्मियों पर नवजात को जूतों से कुचलने के मामले में एसपी अमित रेणु ने कार्रवाई करते हुए पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित करते हुए देवरी थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया। साथ ही आरोपी पुलिसकर्मिर्यो के खिलाफ मृत नवजात के परिजन के आवेदन पर गैरइरादतन हत्या की प्राथमिकी भी दर्ज कर ली गई है। एसपी ने उक्त कार्रवाई बुधवार की देर रात एसपी ने घटनास्थल की जांच करने के बाद की गई है।
खोजबीन के नाम पर पुलिस का मनमाना रवैया
मालूम हो देवरी के कोशोगोंदोंदिघी गांव निवासी रमेश पांडेय की पत्नी नेहा देवी ने यह आरोप लगाया कि उसके नवजात की मौत पुलिसकर्मी द्वारा पैर से कुचलने से हो गई। नेहा देवी ने कहा था कि उसके ससुर भूषण पांडेय को गिरफ्तार करने बुधवार की सुबह देवरी थाना प्रभारी संगम पाठक दल-बल के साथ आये थे और जबरन उसके घर के अंदर दाखिल हुए। खोजबीन के नाम पर पुलिस अधिकारी व जवान उसके कमरे के अंदर दाखिल हुए और चौकी पर सो रहे चार दिन के नवजात को पैर से कुचल दिया। इस आरोप के बाद डीसी-एसपी ने एक जांच टीम का गठन किया। जांच टीम ने जांच कर तत्काल रिपोर्ट आला अधिकारियों को सौंपे जाने के बाद र्कारवाई हुई।
सीएम ने फौरन कार्रवाई का आदेश दिया था
बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के संज्ञान में आने के बाद इस मामले में बुधवार रात में ही जिला प्रशासन को तत्काल जांच कराकर कार्रवाई करने के निर्देश दिये थे। वहीं भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने भी गिरिडीह पुलिस-प्रशासन के कामकाज की शैली पर उंगली उठाई थी. उन्होंने कहा था कि हेमंत सरकार में लोगों के जान-माल की हिफाजत नहीं हो रही है. पुलिस इतनी संवेदनशील हो गई है कि देर रात गरीब-गुरबों के घर में पहुंच जाती है और नाहक लोगों को परेशान करती है.