गिरिडीह : साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने एक रणनीति के तहत काम करना शुरू कर दिया है. एक ओर जहां अपराधियों की धर-पकड़ जिले में तेज कर दी गयी है, वहीं दूसरी ओर उसके आर्थिक ढांचे को ध्वस्त करने के साथ-साथ उन सहयोगियों पर भी पुलिस ने नकेल कसना शुरू कर दिया है जो, किसी न किसी रूप से साइबर अपराधी को मदद कर रहे हैं. इस बार पुलिस जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में साइबर अपराधियों को सिम उपलब्ध करानेवाले प्रोवाइडर की टोह में लगी हुई है. पुलिस सूत्रों की मानें तो एक ऐसे साइबर अपराधी को पुलिस ने दबोचने में सफलता हासिल की है, जो साइबर अपराधियों को सिम उपलब्ध कराता रहा है.
प.बंगाल से बड़े पैमाने पर सिम झारखंड के विभिन्न जिलों में खपाये जाते हैं
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 1 सिम 2000-3000 रुपये में बिकता है. प. बंगाल से बड़े पैमाने पर विभिन्न कंपनियों के सिम झारखंड के विभिन्न जिलों में खपाये जा रहे हैं. गिरिडीह जिले में भी पश्चिम बंगाल से लाये गये सिम का ही इस्तेमाल किया जा रहा है. एक सिम की कीमत दो से तीन तीन हजार रुपये वसूली जा रही है. बताया जाता है कि देवघर के मधुपुर और बुढ़ई के इलाके के कुछ लोग कोलकाता से विभिन्न कंपनियों के सिम लाकर देवघर, जामताड़ा और गिरिडीह में खपा रहे हैं. बीएसएनएल कंपनी की सिम की कीमत सबसे ज्यादा वसूली जाती है.
कई लोग हिरासत में, पुलिसिया पूछताछ जारी
मिली जानकारी के अनुसार साइबर डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी के नेतृत्व में इस बार काम कर रही टीम ने सिम खरीद-बिक्री करने वाले लोगों की खोजबीन कर रही है. ऐसे अपराधियों की सूची तैयार की गयी है, जो प्रतिबिंब पोर्टल में सक्रिय दिख रहे हैं. गिरिडीह के लगभग 13 ऐसे सिम को चिन्हित किया गया है जो, प्रतिबिंब पोर्टल पर सक्रिय हैं. इन सक्रिय सिम के मोबाइल वाले को भी पुलिस ने दबोचा है और उनसे गहन पूछताछ की जा रही है. पुलिस को कुछ ऐसे लोग भी मिले हैं, जिन्होंने विभिन्न राज्यों के लोगों से ठगी की है. साइबर डीएसपी का कहना है कि फर्जी सिम आपूर्ति करनेवाले लोगों की धर-पकड़ के लिए अभियान चलाया जा रहे हैं. कई गांवों में ऐसे लोगों को पकड़ने के लिए छापेमारी की गयी है. कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.