ईडी और केंद्र सरकार के रवैए के खिलाफ 16 फरवरी से पूरे देश में होगी हड़ताल
बिहार में जो हुआ, वह लोकतंत्र के माथे पर कलंक के समान है.
ईडी मानसिक रूप से हेमंत बाबू को परेशान कर अपने आका को खुश करने में लगा है.
रांची : झामुमो के केंद्रीय महासचिव व प्रदेश प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने सोमवार को बिहार में नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट पास करने के बाद नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कई तंज किए और कई सवाल भी उठाए. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि इस देश में जहां (बिहार) लोकतंत्र की बुनियाद रखी गई, आज उसी जगह पर लोकतंत्र को दफनाने का काम किया गया. प्रधानमंत्री का नाम लिए बगैर तंज किया कि जिस नेता ने कहा था कि बिहार के लोगों का डीएनए खत्म है, तो क्यों आपने उस डीएनए को खत्म कर दिया। क्यों आपने बहाना बनाकर लोगों के बीच जाने का काम किया। मिट्टी में मिल जाऊंगा, मर जाऊंगा पर साथ नहीं जाऊंगा। आखिर चोर दरवाजे से आपको बार-बार क्यों जाना पड़ता है। शायद इसी कारण किसी ने उनको (नीतीश कुमार) संयोजक तक नहीं बनाया गया। उन्होंने कहा कि झारखंड प्राचीन काल से आदिवासी संस्कृति का वाहक है। इसलिए उनकी (भाजपा) मंशा सफल नहीं हुई। लेकिन बिहार ने भाजपा के समक्ष हथियार डाल दिया।
‘भारत रत्न की गरिमा को कलंकित किया गया’
उन्होंने कहा कि देश में संविधान के साथ नया लोकतंत्र भी आया। इस लोकतंत्र के 75वें साल में बिहार में जो हुआ वह लोकतंत्र के माथे पर कलंक के समान है। आज के राजनीतिक दौर में एक नयी परंपरा शुरू हो गयी है. 2014 में अबकी बार मोदी सरकार, बहुत हुई महंगाई की मार…अच्छे दिन…काला धन की वापसी…जैसे जुमलों की बौछार की गई. 2019 में सेना को दांव पर लगा दिया गया। शहीदों की तस्वीर छापकर चुनावी रैलियां की गई। 2024 में राम मंदिर के बाद जातिगत समीकरण के तहत भारत रत्न की गरिमा गिरवी रखने का काम किया गया. बंगाल में चुनाव था प्रणव दा बन भारत रत्न बने, बिहार में चुनाव है इसलिए कर्पूरी ठाकुर. उत्तर प्रदेश में चुनाव है तो चौधरी चरण सिंह और किसानों को खुश करने के लिए एमएस स्वामीनाथन बन गये भारत रत्न। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में के विधानसभा में बुरी तरह से हारे तो, लोकसभा चुनाव में नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने का काम किया गया. कहा कि समय देखिए कि जिस आरक्षण के सवाल पर कर्पूजी जी को पद से हटाया गया, आज उसी संघियों को नीतीश जी अपने साथ रखे हुए हैं। कर्पूरी जी ने जो लड़ाई लड़ी उसे बेचने का काम नीतीश कुमार ने किया।