गुमला – गुमला व्यवहार न्यायालय के एडीजे वन दुर्गेश चन्द्र अवस्थी की अदालत ने , एक गांव में चाकू का भय दिखाकर युवती के साथ बलात्कार करने के आरोपी शिमला साहू को 12 वर्ष बाद न्यायालय ने सजा सुनाई। डॉक्टर सहित 12 लोगों की गवाही, दोनों पक्षों के वकीलों का दलील सुनने के बाद और न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई करते हुए अभियुक्त शिमला साहू को दोषी करार किया गया। 10 वर्षों का सश्रम करावास और ₹50 ,000 जुर्माने की सजा सुनाई है। अभियुक्त द्वारा जुर्माने की राशि नहीं देने पर अभियुक्त को एक वर्ष का सश्रम करावास की अतिरिक्त कठोर सजा भुगतनी होगी।
मामला कुछ इस प्रकार है कि 1 जनवरी 2008 के रात्रि में एक युवती रात्रि में शैच कर वापस अपने घर जा रही थी। इसी क्रम में, उसी गांव का शिमला साहू नामक युवक ने चाकू का भय दिखाकर बलात्कार को अंजाम दिया। घटना की जानकारी किसी को नहीं देने पर वह उसके साथ शादी भी कर लेने का प्रलोभन और आश्वासन दिया। इसके बाद अभियुक्त जब भी युवती को अकेला पाता शादी का प्रलोभन देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता। जब पीड़िता ने उससे शादी के लिए दबाव बनायी तो वह शादी करने से टालमटोल करने लगा। बाद में फिर शादी करने से साफ इन्कार कर दिया। तब गांव में 15 अप्रेल 2011 को एक बैठक आयोजित किया गया पर कोई निर्णय नहीं हुआ। फिर 21 मार्च 2012 को गांव में एक पंचायती हुई फिर भी कोई नतीजा नहीं निकला। तो अन्त में पीड़िता ने शिमला साहू के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई।
News – गनपत लाल चौरसिया