रांची : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री रहे बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को प्रदेश कार्यालय में मीडिया के समक्ष कहा कि इंडिया गठबंधन की रैली में हेमंत सोरेन को ऐसे पेश किया गया कि जैसे कि भ्रष्टाचार से उनका दूर-दूर तक कोई नाता नहीं हो। हेमंत सोरेन हो या उनकी पूरी सरकार, सभी भ्रष्टाचार के दलदल में डूबी हुई है। यह बार-बार कहते हैं कि आदिवासी होने के कारण उन्हें फंसाया जा रहा है। हेमंत सोरेन ने अपने कार्यकाल में आदिवासियों के मान-सम्मान को पूरी तरह से धूमिल करने का काम किया। पिछले 4 वर्षों में सत्ता में रहकर हेमंत सोरेन ने छल कपट किया है. प्राकृतिक संसाधन या खनिज संपदा को लुटवाया है, खुद लूट में शामिल रहे और उनके संरक्षण में बिचौलिया, दलाल और भ्रष्ट अफसर ने मिलकर लूटा है। कोयला, लोहा, बालू यहां तक कि सेवा की जमीन को भी उन लोगों ने नहीं छोड़ा। आदिवासियों की जमीन का भी फर्जी कागजात बनाकर लूटा।
‘सरकारी दलाल-बिचौलियों के घर अगर छापामारी की जाए तो, करोड़ों मिल सकते हैं’
श्री मरांडी ने कहा कि कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य के यहां से 350 करोड़ नोटों का पहाड़ पकड़ा गया था। उसको भी दुनिया ने देखा। यहां से मिले नोटों की गिनती 1 दिन में समाप्त नहीं हुई, कई दिनों तक चली। मशीन तक थक गई थीी. ठीक से जांच होने पर पैसे में वर्तमान या पूर्व मुख्यमंत्री की संलिप्तता भी नजर आएगी। झारखंड में भ्रष्ट अफसर, दलाल, बिचौलिए के ठिकानों पर भी 20 करोड़ रुपए के नोट मिले थे। आज भी आलमगीर आलम के पीएस के नौकर के यहां करोड़ों रुपए मिले हैं। इंडिया गठबंधन के नेता राहुल गांधी को यह बताना चाहिए कि यह पैसा किसका है? उन्होंने कहा कि नौकर के घर में पैसों का इतना जखीरा मिला है, तो उनके सहायक, उनके सचिव या फिर मंत्री, सरकार से जुड़े दलाल- बिचौलियों के घर भी अगर छापामारी हो जाए तो पता नहीं कितने करोड़ रुपए मिलेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव ने ग्रामीण विकास सचिव को पत्र लिखा था वह सारे पत्र नोटों का बंडल के साथ मिले हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन उसे पत्र के आधार पर तुरंत एफआईआर कराएं। पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराएं। प्रेस वार्ता में मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, सह मीडिया प्रभारी अशोक बड़ाईक, सह मीडिया प्रभारी योगेन्द्र प्रताप भी मौजूद थे।