नारायण विश्वकर्मा
रांची : झारखंड में राजनीतिक उलटफेर के बीच हेमंत सोरेन ने राजभवन के बिरसा मंडप में गुरुवार को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. हेमंत सोरेन मौजूदा सरकार के कार्यकाल में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। तीन जुलाई की शाम को निवर्तमान मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने राजभवन जाकर राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया था। इसके ठीक बाद हेमंत सोरेन ने राज्यपाल से मिलकर विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा और सरकार बनाने का दावा पेश किया। आज फिर करीब 12 बजे हेमंत सोरेन, गठबंधन के नेताओं के साथ राज्यपाल से मिले। राज्यपाल ने सरकार बनाने का न्योता दिया था। वैसे झामुमो की ओर से कहा गया था कि हेमंत सोरेन 7 जुलाई को शपथ लेंगे, लेकिन थोड़ी ही देर बाद बताया गया कि हेमंत सोरेन आज ही शपथ ले रहे हैं. शपथ ग्रहण समारोह में शिबू सोरेन और चंपाई सोरेन भी शामिल हुए.
चंपाई सोरेन को लेकर कोल्हान में कुलबुलाहट
बताया गया कि चंपाई सोरेन को लेकर कोल्हान में कुलबुलाहट है. चंपाई सोरेन के इस्तीफे के बाद कोल्हान में गलत संदेश गया है.ऐसा वहां के जेएमएम कार्यकर्ताओं का कहना है. सच कहा जाए तो सरायकेला के लोगों में आक्रोश के साथ-साथ मायूसी भी छायी है. उधर, भाजपा भी चंपाई सोरेन के प्रति सहानुभूति का भाव दर्शा रही है. वहीं चंंपाई सोरेन के समर्थकों की बड़ी फौज उनके इस्तीफे को लेकर गुस्से में हैं. पार्टी आलाकमान के इस निर्णय पर यह कहा जा रहा है कि मात्र साढ़े तीन माह तक चलनेवाली सरकार में नेतृत्व परिर्वतन की क्या जरूरत थी. अक्टूबर माह में विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संंहिता लग जाएगी. दरअसल, चंपाई सोरेन को लेकर पार्टी गंभीर है और उन्हे महत्वपूूूर्ण जिम्मेवारी देने के लिए जेएमएम के अंदरखाने में मंथन जारी है. पार्टी की कोल्हान में अच्छी पकड़ है. इसमें चंपाई सोरेन का महत्वपूर्ण योगदान है. कोल्हान में टाइगर के नाम से लोकप्रिय चंपाई सोरेन को हाशिये पर डालना मुश्किल होगा. संभव है कि चंपाई को इंडिया गठबंधन और सरकार का संयोजक नियुक्त किया जा सकता है. मुमकिन है कि उन्हें मंत्री पद का ऑफर किया जाए. चर्चा यह भी है कि महाराष्ट्र की तर्ज पर देवेंद्र फड़णवीस की तरह उन्हें भी डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है. कहा जा रहा है कि हेमंत सोरेन ने चंपाई सोरेन के पाले में गेंद डाल दिया है ताकि वे खुद फैसला ले सकें. चंपई सोरेन ने मीडिया से कहा कि कुछ दिन पहले, मुझे मुख्यमंत्री बनाया गया और मुझे राज्य की जिम्मेदारी मिली। हेमंत सोरेन के वापस आने के बाद, हमारे गठबंधन ने यह निर्णय लिया और हमने हेमंत सोरेन को अपना नेता चुना। अब, मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हेमंत सोरेन के सरकार संभालने के बाद चंपाई सोरेन की जिम्मेवारी तय किए जाने पर जल्द निर्णय लिया जा सकता है.
समारोह में शामिल हुए शिबू सोरेन और उनका परिवार
राजभवन के बिरसा मंडप में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया था. राज्यसभा सांसद महुआ माजी, बादल पत्रलेख, दीपिका सिंह पांडेय समेत कई बड़े नेता राजभवन में मौजूद हैं. हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक डॉ रामेश्वर उरांव और इरफान अंसारी भी राजभवन पहुंचे थे. समारोह में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय भी शामिल हुए हैं. इधर, हेमंत सोरेन ने ‘एक्स’ पर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कटाक्ष किया, जिसमें कहा गया कि प्रतिद्वंद्वियों द्वारा रची गई लोकतंत्र विरोधी साजिश का अंत शुरू हो गया है। हेमंत सोरेन ने लिखा कि राज्यपाल को धन्यवाद।
हेमंत 28 जून को जेल से हुुए थे रिहा
जेएमएम नेता ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में अपनी गिरफ्तारी से पहले पांच महीने पहले सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब बुधवार को मौजूदा मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने इस्तीफा दे दिया और हेमंत सोरेन, जो धन शोधन मामले में जमानत पर हैं, ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद 2 फरवरी को झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेनेवाले चंपई सोरेन ने राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष की मौजूदगी में अपना इस्तीफा सौंप दिया। कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद हेमंत सोरेन को लगभग पांच महीने बाद 28 जून को बिरसा मुंडा जेल से रिहा किया गया था। 31 जनवरी को गिरफ्तारी से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। बहरहाल, दिन भर चली अटकलों के बाद नाटक का अंत हो गया। अब नई सरकार में सबकुछ पुराना जैसा रहेगा या फिर कुछ उलटफेर होगा, यह कुछ दिन बाद पता चलेगा.