31.6 C
Ranchi
Saturday, May 17, 2025
Advertisement
HomeLocal NewsGumlaगुमला में उद्यान मित्रों और किसानों के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण का...

गुमला में उद्यान मित्रों और किसानों के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण का सफल समापन

गुमला जिले के घाघरा प्रखंड स्थित चपका पंचायत सचिवालय में झारखंड सरकार के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के अंतर्गत उद्यान प्रभाग द्वारा आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण शनिवार को संपन्न हुआ। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य किसानों को आधुनिक बागवानी तकनीकों और वैज्ञानिक खेती के उपायों से परिचित कराना था।

समापन समारोह में जिला उद्यान पदाधिकारी तमन्ना परवीन ने प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले किसानों से चर्चा कर उनकी समस्याओं और सीखने के अनुभवों को समझा।


प्रशिक्षण का उद्देश्य और मुख्य बिंदु

1. बागवानी और वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देना:

  • किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती करना सिखाया गया।
  • फसल की बिमारियों की पहचान और उनके उपचार पर गहन चर्चा हुई।

2. कॉमर्शियल फसल पर जोर:

  • किसानों को ड्रैगन फ्रूट जैसी कॉमर्शियल फसलों की खेती के फायदे बताए गए।
  • प्रशिक्षण में आधुनिक कृषि उपकरणों और नई तकनीकों का उपयोग समझाया गया।

3. सरकारी योजनाओं से परिचय:

  • किसानों को सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान योजनाओं और सुविधाओं की जानकारी दी गई।
  • कृषि यंत्रों की उपलब्धता और उनकी उपयोगिता पर भी चर्चा की गई।

प्रमुख प्रशिक्षकों के योगदान

1. डॉक्टर सुनील कुमार:

  • किसानों को फसल की बीमारियों की पहचान और उनके इलाज के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
  • वैज्ञानिक खेती के फायदे और इसे अपनाने की विधि पर बल दिया।

2. डॉक्टर विकास चतुर्वेदी:

  • किसानों को कॉमर्शियल फसल की खेती के लिए प्रेरित किया।
  • विशेष रूप से ड्रैगन फ्रूट की खेती पर चर्चा की और इसे किसानों के लिए लाभदायक विकल्प बताया।
  • उन्होंने किसानों को यह आश्वासन दिया कि उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।

प्रशिक्षण से किसानों को मिले लाभ

1. नई तकनीकों की जानकारी:

  • किसानों को वैज्ञानिक खेती के नए उपाय और बेहतर उत्पादन के लिए उन्नत तकनीक सिखाई गई।
  • उन्हें यह बताया गया कि कैसे सही तकनीक अपनाने से कम लागत में अधिक लाभ अर्जित किया जा सकता है।

2. प्रमाण पत्र और सामग्री का वितरण:

  • प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद सभी 61 किसानों को प्रमाण पत्र दिए गए।
  • साथ ही, कृषि से संबंधित उपयोगी सामग्री का वितरण किया गया।

3. सरकारी योजनाओं की समझ:

  • किसान अब सरकारी अनुदान और योजनाओं का बेहतर उपयोग कर सकेंगे।
  • उन्हें यह भी समझाया गया कि कैसे ये योजनाएं उनकी खेती को और उन्नत बना सकती हैं।

ड्रैगन फ्रूट की खेती: नई दिशा में कदम

ड्रैगन फ्रूट के फायदे:

  • यह फसल कम लागत में अधिक मुनाफा देती है।
  • इसकी खेती झारखंड की जलवायु के लिए उपयुक्त है।
  • बाजार में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है।

किसानों के लिए संभावनाएं:

डॉक्टर विकास चतुर्वेदी के अनुसार, ड्रैगन फ्रूट की खेती अपनाकर किसान आर्थिक रूप से सशक्त हो सकते हैं। यह झारखंड जैसे क्षेत्रों में कृषि के लिए एक नया विकल्प बन सकता है।


प्रशिक्षण के दौरान जिला उद्यान पदाधिकारी का मार्गदर्शन

तमन्ना परवीन, जिला उद्यान पदाधिकारी, ने प्रशिक्षण के दौरान:

  • किसानों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की।
  • उन्हें उनकी समस्याओं और अनुभवों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
  • सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर किसानों को प्रेरित किया।

उनके अनुसार:

“यह प्रशिक्षण किसानों को न केवल बेहतर खेती के लिए प्रेरित करेगा, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को भी सशक्त बनाएगा।”


आगे की योजनाएं और उम्मीदें

1. किसानों को तकनीकी सहायता:

  • किसानों को नियमित रूप से तकनीकी मार्गदर्शन और सहायता प्रदान की जाएगी।
  • कृषि विशेषज्ञों के माध्यम से उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

2. जागरूकता अभियान:

  • किसानों को सरकारी योजनाओं और सुविधाओं के प्रति जागरूक किया जाएगा।
  • बागवानी और कॉमर्शियल फसल की खेती के प्रति उनकी रुचि बढ़ाने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

3. उत्पादन बढ़ाने के लिए समर्थन:

  • किसानों को बेहतर बीज, खाद, और कृषि यंत्रों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

किसानों के लिए आशा की नई किरण

यह पांच दिवसीय प्रशिक्षण गुमला के किसानों के लिए न केवल ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि उनके लिए आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम भी साबित हुआ।
सरकार और उद्यान विभाग के सहयोग से गुमला के किसान अब आधुनिक खेती की तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित हैं।

क्या आप मानते हैं कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम झारखंड के अन्य जिलों में भी आयोजित होने चाहिए? अपनी राय साझा करें।

न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया 

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments