भारत के ऊर्जा क्रांति का सहभागी बनना विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत गौरव का विषय: कुलपति
विज्ञानसंकाय के अध्यक्ष डॉ एच एन सिन्हा बने प्रधान शोधकर्ता
विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग का चयन भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर के वैकल्पिक ऊर्जा परियोजना मे अनुसंधान के लिए किया गया है। यह जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पवन कुमार पोद्दार ने बताया की वर्तमान दौर में जहां एक तरफ जीवाश्म ईंधन पेट्रोलियम का भंडार कम होता जा रहा है वहीं इससे हो रहे प्रदूषण ने भी विश्व को वैकल्पिक ऊर्जा पर चिंतन करने के लिए बाध्य किया है।
उन्होंने कहा कि वैकल्पिक ऊर्जा के रूप में लिथियम और रेयर अर्थ एलिमेंट्स जैसे क्रिटिकल मिनरल पर आधारित ऊर्जा का युग आने वाला है। भारत में और विशेष कर झारखंड में लिथियम और रेयर अर्थ एलिमेंट्स के भंडार होने की सूचना है। कुलपति ने बताया कि इसी पर आगे के अनुसंधान के लिए आईआईटी आईएसएम के साथ विनोबा भावे विश्वविद्यालय का चयन करना एक अत्यंत गौरव का विषय है। यह एक क्रांतिकारी पहल है और भारत के साथ पूरे विश्व मानवता के हित में है।
कुलपति ने बताया कि इस संबंध में आईएसएम में उनके एक मित्र के प्रस्ताव को उन्होंने तत्काल स्वीकार कर लिया और विनोबा भावे विश्वविद्यालय के विज्ञान संकायअध्यक्ष तथा भूगर्भ शास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ एच एन सिन्हा को इस कार्य को आगे बढ़ाने का दायित्व दिया। डॉ सिन्हा से बातचीत के बाद आईएसएम आईआईटी के अधिकारी इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने तत्काल विनोबा भावे विश्वविद्यालय के नाम की अनुशंसा की जिसको भारत सरकार ने अनुमोदित कर दिया है। कुलपति ने बताया कि इस योजना से विश्वविद्यालय को जोड़ने में डॉ सिन्हा की भूमिका को देखते हुए और उनके शोधकार्यों को देखते हुए डॉ एचएन सिन्हा को प्रधान शोधकर्ता नियुक्त किया गया है।
डॉ एच एन सिंह ने बताया कि इस शोध के लिए प्रारंभिक स्तर पर 10 करोड रुपए विश्वविद्यालय को प्राप्त होंगे। इसके लिए 15 जनवरी तक प्रस्ताव समर्पित करना है। बड़ी बात यह है कि भविष्य के ऊर्जा के निर्धारण में भारत में चलाए गए अभियान का एक अभिन्न अंग बनने का गौरव विनोबा भावे विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि भारत के अन्य आईआईटी के साथ धनबाद में अवस्थित आईएसएम आईआईटी को भी इसका हब बनाया गया है। इसी के अंतर्गत विनोबा भावे का चयन एक सपाइक इकाई के रूप में किया गया है। डॉ एच एन सिन्हा के अधीन दो सह शोधकर्ता होंगे। सह प्रधान शोधकर्ता के लिए विभावि भौतिकी विज्ञान विभाग के डॉ नवीन चंद्रा और आईएसएम आईआईटी धनबाद के प्रोफेसर शैलेंद्र सिंह का चयन किया गया है।
ज्ञात होगी डॉ नवीन चंद्र का चयन उनके इलेक्ट्रॉनिक संबंधी शोध तथा ख्याति प्राप्त शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित उनके आलेख के आधार पर किया गया है।
News – Vijay Chaudhary