भगवान् कभी किसी को गरीब न बनाये , गरीबी अपने साथ कई दुःख दर्द लाती है इन्ही दुखो में एक है इलाज़ का खर्चा , आजकल छोटी से छोटी बीमारी के इलाज़ का खर्च भी हज़ारो में आ जाता है तो सोचिये गरीब जिसकी दिन की कमाई ही कुछ रूपये होता वो महंगे इलाज़ का खर्चा कैसे उठा पता होगा | डॉक्टर की फीस और फिर महंगी दवाई का खर्चा | देश में गरीबो के बारे में जिनको सोचना चाहिए वो पैसे कमाने में वस्त हैं ऐसे में रांची की एक स्वयंसेवी संसथान प्रेमसंस और बारोलिया ट्रस्ट ने एक अनोखा पहल किया है उन्होंने जेनेरिक दवा दुकानों की श्रेंख्ला झारखण्ड में चालू की है , गेनिरिक दवा की परिभाषा है एक जेनेरिक दवा एक दवा है जिसे खुराक के रूप, सुरक्षा, शक्ति, प्रशासन के मार्ग, गुणवत्ता, प्रदर्शन विशेषताओं और इच्छित उपयोग के लिए पहले से ही विपणन ब्रांड नाम वाली दवा के रूप में उपयोग किया जाता है। ये समानताएं जैवविविधता को प्रदर्शित करने में मदद करती हैं, जिसका अर्थ है कि एक जेनेरिक दवा उसी तरह से काम करती है और इसके ब्रांड-नाम संस्करण के समान नैदानिक लाभ प्रदान करती है। दूसरे शब्दों में, आप इसके ब्रांड-नाम समकक्ष के लिए एक समान विकल्प के रूप में एक जेनेरिक दवा ले सकते हैं। सीधे सब्दो में कहा जाए तो जेनेरिक दवा वही असर करती है तो ब्रांडेड दवा करती है जो बड़ा फर्क है वो है दामों का , एक ब्रांडेड दवा जिसकी कीमत १० रूपये होती है वो दवा अगर आप जेनेरिक में ले तो शायद उसकी कीमत सिर्फ १ रुपया या उससे भी काम हो सकती है यानि के आपको ब्रांडेड दवा की जगह जेनेरिक दवा बहुत सस्ते में आएगी | आप जब भी डॉक्टर के पास जाए तो उनसे अनुरोध कीजियेगा की आपको जेनेरिक दवा लिखे आपको ये दवा रांची में किसी भी दवाई दोस्त के सेण्टर पर मिल जाएगी | दवाई दोस्त एक गैर लाभकारी सस्ता है जो लोगों को सस्ती दवा उपलब्ध कराने का कार्य करती है रांची में इनके अनेक सेण्टर है आप किसी भी सेण्टर में जाके अपने डॉक्टर के दिए पर्चे को दिखाकर सस्ती जेनेरिक दवा ले सकते हैं ये बिलकुल वैसे ही असर करेगी जैसी की ब्रांडेड दवा करती है, जो लोग महंगी दवा नहीं ले सकते वो दवाई दोस्त जाके सस्ती दवाई ले उनके लिए दवाई दोस्त संजीविनी है , निचे रांची में दवाई दोस्त के सेण्टर का पता दिया हुआ है आप इन पतों पर जाके अपनी दवाई ले सकते हैं .